NCISM का नया आदेश: आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट अनिवार्य, 12वीं में न्यूनतम अंक प्रतिशत की शर्त हटी

Update: 2025-07-16 07:45 GMT

भोपाल। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (NCISM) नई दिल्ली ने स्पष्ट किया है कि देशभर में आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों में सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश केवल राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के माध्यम से ही होंगे। इस संबंध में NCISM ने हाल ही में संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसमें 12वीं (10+2) या समकक्ष परीक्षा में न्यूनतम अंक प्रतिशत की शर्त को हटा दिया गया है।

पहले सामान्य वर्ग के लिए 50% और SC, ST, OBC वर्ग के लिए 40% अंक अनिवार्य थे, लेकिन अब केवल 12वीं में भौतिकी (फिजिक्स), रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री), और जीव विज्ञान (बायोलॉजी) या बायोटेक्नोलॉजी विषयों के साथ उत्तीर्ण होना पर्याप्त होगा।

NCISM का स्पष्टीकरण

NCISM के सचिव सच्चिदानंद प्रसाद ने एक पत्र जारी कर पुनः स्पष्ट किया कि सत्र 2025-26 में आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए दो मुख्य शर्तें हैं,

उम्मीदवार का 12वीं (10+2) या समकक्ष परीक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री, और बायोलॉजी/बायोटेक्नोलॉजी विषयों के साथ उत्तीर्ण होना।

नीट 2025 के परिणामों के आधार पर मेरिट।

यह स्पष्टीकरण उन भ्रमों को दूर करता है, जो न्यूनतम अंक प्रतिशत की शर्त हटने के बाद उत्पन्न हुए थे। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पाण्डेय ने कहा, "छात्रों को भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। आयुर्वेद कॉलेजों में प्रवेश के लिए 12वीं उत्तीर्ण होना और नीट क्वालिफाई करना अनिवार्य है। स्टेट और सेंट्रल आयुष नीट काउंसलिंग के माध्यम से ही प्रवेश होंगे।"

नीट 2025 और आयुर्वेद कॉलेजों की स्थिति

नीट 2025 में देशभर से 22 लाख से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया था। भारत में वर्तमान में 598 आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें लगभग 40,000 सीटें उपलब्ध हैं। इनमें से 15% सीटें अखिल भारतीय कोटा (AIQ) के तहत केंद्रीय काउंसलिंग के माध्यम से भरी जाती हैं, जबकि शेष सीटें राज्य सरकारों की काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से आवंटित की जाती हैं। छत्तीसगढ़ में आयुर्वेद कॉलेजों की संख्या सीमित है, लेकिन मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में आयुर्वेद शिक्षा के लिए कई प्रतिष्ठित संस्थान हैं। 

आयुर्वेद शिक्षा का महत्व

आयुर्वेद, भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति, हाल के वर्षों में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। केंद्र सरकार की आयुष मंत्रालय और NCISM की पहल के तहत आयुर्वेद शिक्षा को मानकीकृत करने और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

नीट के माध्यम से प्रवेश सुनिश्चित करने का उद्देश्य योग्य और प्रतिभाशाली छात्रों को इस क्षेत्र में लाना है। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में आयुर्वेद कॉलेजों की सीमित संख्या और बुनियादी सुविधाओं की कमी अभी भी एक चुनौती है। 

गजट में 5(1) A संशोधित

 

 

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