ओबीसी आरक्षण मामले की सुनवाई टली: सुप्रीम कोर्ट का हवाला, हाईकोर्ट ने दी नई तारीख…

Update: 2025-04-17 15:48 GMT

जबलपुर, स्वदेश। मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण से जुड़े 64 प्रकरणों की सुनवार्ई गुरूवार 17 अपे्रल को हाईकोर्ट में सुनवाई निर्धारित थी। यह प्रकरण सीरियल नंबर 23 से लेकर 23.63 तक सूचीबद्ध थे और इन मामलों की सुनवाई को लेकर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों की निगाहें टिकी थीं। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत रूपराह ने अदालत को सूचित किया कि इन प्रकरणों से जुड़ा मामला अब सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध है और वहां 21 अप्रैल को सुनवाई निर्धारित है।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से इन मामलों पर सुनवाई न करने का आग्रह किया है। इस आधार पर हाईकोर्ट ने सभी प्रकरणों की सुनवाई फिलहाल स्थगित कर दी है और अगली सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख तय की है। यह स्थगन प्रदेश की ओबीसी आबादी के लिए एक बार फिर मायूसी का कारण बना, जो लंबे समय से अपने संवैधानिक अधिकार के लिए न्यायालयों के चक्कर काट रही है।

याचिकाओं की वैधता को लेकर कोर्ट में उठा सवाल

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह ने अदालत के समक्ष एक महत्वपूर्ण बिंदु उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसी तमाम याचिकाएं जो अब विधिक दृष्टिकोण से निरर्थक हो चुकी हैं, उन्हें निरस्त कर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केवल उन्हीं याचिकाओं को विचारणीय माना जाए जिनमें ओबीसी आरक्षण कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।

इस पर अदालत ने कहा कि यह तर्क वह पूर्व में भी कई बार सुन चुकी है और अब इस विषय का परीक्षण 16 मई को अगली सुनवाई के दिन किया जाएगा। यह विषय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अनेक याचिकाएं अब अपने उद्देश्य से भटक चुकी हैं, जिनसे न्याय प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब हो रहा है।

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