प्रसंगवश: मानसून की बेला में BJP की हेमंत ऋतु

Update: 2025-07-03 02:56 GMT

Hemant Khandelwal

देश भर में आसमान पर मानसून की काली घटाएं हैं। प्रदेश पर बादल उदार मन से बरसने की तैयारी में हैं और इधर भारतीय जनता पाटी अब हेमंत ऋतु में प्रवेश कर चुकी है। नि:संदेह भाजपा का सम्पूर्ण देश में प्रदेश में यह स्वर्णिम काल है। सर्दी से ठीक पहले हेमंत का आगमन होता है। ठंड और वह भी अत्यधिक ठंड सक्रियता को बाधित करती है, जड़ भी बना देती है, पर हेमंत उत्साह और उमंग लेकर आता है। भाजपा संगठन के लिए भी यह हेमंत काल है।

भारतीय जनता पार्टी के निवर्तमान अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, भाजपा के लिए शुभंकर अध्यक्ष साबित हुए। विधानसभा, लोकसभा में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया। बूथ लेवल प्रबंधन में भाजपा संगठन का कौशल दिखा। श्री शर्मा ने इसका श्रेय वरिष्ठ नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को दिया है और यह सही भी है, पर यह श्रेय उनके खाते में भी दर्ज हो गया है।

पर चुनौतियां समाप्त नहीं हुई हैं, यह समझना होगा। भाजपा हमेशा चुनाव के लिए मिशन मोड में रहती है, यह अच्छी बात है। राजनीति में विजय ही अंतिम सत्य होती है, यह सही है। पर भाजपा कार्यकर्ता पथ का यह अंतिम लक्ष्य नहीं है, सिंहासन चढ़ते जाना गीत को सिर्फ गाते नहीं हैं, जीते भी हैं। इसलिए जब गीत की पंक्तियां यह कहती हैं कि ''सब समाज को लिए साथ में आगे है बढ़ते जाना, तब हेमंत काल में यह सबसे बड़ी चुनौती भी है और अवसर भी कि क्या भाजपा का विचार (भाजपा का दर्शन, कार्यकर्ताओं को यही प्रेरणा आज भी दे रहा है? और सब समाज पार्टी की रीति नीति को समझ रहा है या फिर वह लाड़ली बहना है या प्रधानमंत्री आवास से मुदित लाभार्थी वर्ग। बेशक इन योजनाओं के सामाजिक सरोकार गहरे हैं और उनकी जमीनी आवश्यकता से इनकार नहीं पर देश, लाभार्थी का समूह मात्र नहीं है।

वहीं सतत सत्ता में रहने के कारण उसके स्वाभाविक विकार आते ही हैं। 90 डिग्री का पुल सिर्फ प्रदेश की राजधानी की छाती पर नहीं है, 360 डिग्री के भी शर्मनाक उदाहरण, नौकरशाही ने प्रस्तुत किए हैं। सत्ता में जिम्मेदारी संभाल रहे कार्यकर्ताओं और नेताओं को दिशा दे सके संगठन को ऐसा नैतिक बल खड़ा करना होगा ताकि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हाथ मजबूत हो सकें। प्रदेश से लेकर मंडल तक संगठन की निष्ठावान टीम खड़ी करना नूतन अध्यक्ष की बड़ी चुनौती होगी और हाल ही में जो निर्वाचित अध्यक्ष आदि बने हैं, उन्हें सकारात्मक दिशा देना उनका बड़ा काम होगा।

यह सुखद है कि हेमंत खण्डेलवाल, भाजपा के मूल विचार से आते हैं। राजनीति उनको विरासत में मिली है। संगठन का अनुभव भी है और विधायिका का भी। सामाजिक सरोकार भी उनके गहरे हैं और वे प्रतिष्ठित उद्योगपति भी हैं। वे जिस समाज से आते हैं उसे भाजपा ने लंबे समय बाद यह अवसर दिया है। राजनीति के जातिगत समीकरण के चलते वैश्य समाज को यह अवसर देकर भाजपा ने अपने परंपरागत वोट को भी एक संदेश दिया है। हेमंत खण्डेलवाल की सबसे बड़ी विशेषता उनकी सर्व स्वीकार्यता है। वे शिवराज सिंह, नरेन्द्र सिंह के भी करीबी हैं तो डॉ. मोहन यादव से भी उनके बेहतर रिश्ते हैं। मालवा से कैलाश विजयवर्गीय हों या महाकौशल से राकेश सिंह, गोपाल भार्गव उनसे भी अच्छे रिश्ते रहे हैं। संतुलन, समन्वय और वह भी बिना किसी नाटकीयता के, विनम्रता से करना उनका वैशिष्ट्य है। भौगोलिक दृष्टि से बालाघाट, छिंदवाड़ा, बैतूल आदि में कांग्रेस प्रभावी है, मतांतरण की चुनौतिया भी हैं। एक प्रभावी नेतृत्व की उपस्थिति परिणाम मूलक होनी चाहिए।

तत्काल की चुनौती लंबे समय से अटकी राजनीतिक नियुक्तियों की हैं। संगठन को समय पर शीघ्र ही इसे भी करना ही चाहिए। इसमें मूल कार्यकर्ता की पहचान एक कठिन कार्य होता है, नेतृत्व यह करने में सक्षम है। साथ ही परिवार बढ़ रहा है, बाहर से भी कई सदस्य आए हैं। वे बाहरी ही न रहें उन्हें भी भाजपा अपना घर लगे और जो घर में ही थे उन्हें अपना मन बड़ा कर समरस होने की सीख हेमंत खण्डेलवाल अपनी बहुप्रतीक्षित टीम के साथ देते हुए सफल होकर एक लंबी लकीर खींचें, यह शुभकामनाएँ।

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