मध्य प्रदेश समेत 9 राज्यों में 2 लाख लोगों से ठगी: BSP नेता संजय भाटी का बाइक बोट स्कैम बेनकाब
BSP Leader Sanjay Bhati Bike Boat Scam Exposed : भोपाल। मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में बाइक बोट स्कीम के नाम पर लाखों लोगों को ठगने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस 2800 करोड़ रुपये के घोटाले के मुख्य सरगना संजय भाटी, करणपाल सिंह और राजेश भारद्वाज को गिरफ्तार किया है।
यह कार्रवाई 2019 में रायपुर के सिविल लाइन थाने में दर्ज धोखाधड़ी के मामले में की गई। मेसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड द्वारा शुरू की गई इस स्कीम में निवेशकों को प्रति बाइक 62,100 रुपये जमा करने पर हर महीने 9,765 रुपये मुनाफा देने का झांसा दिया गया। मध्य प्रदेश के कई निवेशकों ने भी इस लालच में अपनी मेहनत की कमाई गंवा दी।
संजय भाटी घोटाले का मास्टरमाइंड
संजय भाटी, जो कभी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का प्रमुख नेता रह चुका था, इस घोटाले का मुख्य सूत्रधार है। उसने 2018 में मेसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के डायरेक्टर पद से इस्तीफा देकर बसपा जॉइन की थी। 2019 में उसे गौतम बुद्ध नगर से बसपा का लोकसभा प्रभारी भी बनाया गया था। संजय भाटी और उसके सहयोगियों ने छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, हरियाणा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में 2 लाख से अधिक लोगों से ठगी की। केवल रायपुर में ही 32 लोगों से 76 लाख रुपये ठगे गए।
कैसे हुआ घोटाला?
पीड़ित अखिल कुमार बिसोई ने पुलिस को बताया कि संजय भाटी ने उन्हें फ्रेंचाइजी देने और छत्तीसगढ़ हेड बनाने का लालच दिया था। अखिल ने 62,100 रुपये की बाइक बोट स्कीम में निवेश किया, जिसमें उन्हें हर महीने 4,590 रुपये किराया और 5,175 रुपये बाइक मालिक को देने का वादा किया गया। कंपनी ने शुरूआत में चार से छह महीने तक भुगतान किया, लेकिन इसके बाद पैसे देना बंद कर दिया। जब निवेशकों ने संपर्क करने की कोशिश की, तो कंपनी का नंबर बंद मिला और बाद में पता चला कि कंपनी बंद हो चुकी है और डायरेक्टर फरार हैं।
पुलिस और ईडी की कार्रवाई
रायपुर पुलिस ने पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा और एसएसपी लाल उमेद सिंह के निर्देश पर विशेष अभियान चलाया। सिविल लाइन थाना प्रभारी के नेतृत्व में गठित टीम ने साइबर सेल की मदद से आरोपियों का पता लगाया। जांच में पता चला कि संजय भाटी, करणपाल सिंह और राजेश भारद्वाज राजस्थान के भरतपुर/जयपुर जेल में बंद थे। रायपुर पुलिस ने कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट प्राप्त कर तीनों को गिरफ्तार किया और रिमांड पर लिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपियों की संपत्तियां जब्त की हैं।
मध्य प्रदेश के निवेशकों का नुकसान
मध्य प्रदेश के हजारों निवेशकों ने इस स्कीम में अपनी मेहनत की कमाई लगाई थी, लेकिन उन्हें केवल झूठे वादे और खाली हाथ मिले। कई परिवारों की आर्थिक स्थिति इस घोटाले की वजह से बिगड़ गई। पीड़ितों का कहना है कि सरकार और प्रशासन को ऐसी धोखाधड़ी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। इस घोटाले ने मध्य प्रदेश सहित देश भर में निवेशकों के बीच विश्वास की कमी पैदा की है।
रायपुर पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि सभी पीड़ितों को न्याय मिल सके। पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश में भी जुटी है और यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि भविष्य में ऐसी ठगी की घटनाएं न हों। ईडी भी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध संपत्ति की जांच कर रही है।