डॉ. सुब्रतो गुहा
हिंसक तत्वों के संरक्षक: भारत के केरल राज्य में कोचि की अदालत ने तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, सजील, नसीर और नजीब। इन तीनों पर न्यायालय में यह आरोप प्रमाणित हो गए कि इन्होंने चार जुलाई सन 2010 को एक महाविद्यालयीन प्राध्यापक टीजे जोसफ का हाथ काट दिया, क्योंकि इनकी नजर में टीजे जोसफ द्वारा महाविद्यालय परीक्षा हेतु तैयार एक प्रश्न पत्र में इस्लाम के विरुद्ध कुछ वाक्य थे। तीनों हमलावर जिहादी संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य थे, जिस पर वर्तमान भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। जब मीडिया ने प्राध्यापक टीजे जोसफ से उनके हमलावरों को आजीवन कारावास दिए जाने की घटना पर प्रतिक्रिया मांगी, तब टीजे जोसफ ने पत्रकारों से कहा - यह तीनों हमलावर सोचते है कि मेरे साथ उन्होंने जो किया, वह पूर्णत: सही है, क्योंकि यही उनकी हिंसक विचारधारा उन्हें सिखाती है। अब समय आ गया है कि ऐसी हिंसक विचारधारा समाप्त हो।
- गल्फ न्यूज, दुबई
(टिप्पणी- जब वर्तमान भारत सरकार ने दिनांक 28 सितंबर 2022 को जघन्य आपराधिक एवं जिहादी आतंकी घटनाओं में लिप्त पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया, आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के अंतर्गत तब भारत की सेकुलर मीडिया तथा स्वघोषित चेम्पियन सेकुलरवादी बुद्धिजीवियों और नेताओं ने पुरजोर विरोध के स्वर बुलंद किए, यह कहते हुए कि पीएफआई पर प्रतिबंध वर्तमान हिन्दूवादी सांप्रदायिक भारत सरकार द्वारा मुस्लिमों पर अत्याचार का एक जीवंत उदाहरण है। अब इन्हीं सेकुलरवादी झंडाबरदारों द्वारा पीएफआई के तीन महान सेकुलर नामधारी सजील, नसीर और नजीब को न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा भारत के सेकुलर लोकतंत्र पर प्रहार निरूपित किया जा रहा है। विशेष वर्ग के लोगों से विशेष व्यवहार।)
संवेदनशील चश्मा एक धर्म हेतु
यूरोपीय देश स्वीडन में इस्लामी धर्मग्रंथ कुरान को जलाने की घटना की घोर निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्रसंघ मानवाधिकार परिषद् ने 28 बनाम 12 वोटों के बहुमत से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्रसंघ के सभी सदस्य देशों से आव्हान किया गया कि इस्लाम के विरुद्ध नफरत की घटनाओं को रोकने हेतु प्रभावी कदम उठाए। यह प्रस्ताव पाकिस्तान, फिलीस्तिन तथा खाड़ी देशों द्वारा प्रस्तुत किया गया था। परिषद में अमेरिकी प्रतिनिधि मिशेल टेलर ने कहा कि उन्हें इस बात से गहरा सदमा लगा है कि मुस्लिम विरोधी नफरत की रोकथाम संबंधी यह महान प्रस्ताव केवल बहुमत से पारित हो पाया, सर्वानुमति से नहीं।
- द इन्डीपेन्डेन्ट, लंदन, ब्रिटेन
(टिप्पणी- इस्लामी धर्मग्रंथ कुरान की प्रतियां जलाना निश्चित ही घोर निंदनीय है और इस दिशा में संयुक्त राष्ट्रसंघ मानवाधिकार परिषद् द्वारा पारित प्रस्ताव भी उचित है, परन्तु एक यक्ष प्रश्न का उत्तर नहीं मिला कि जब 1947 से 2019 तक जम्मू-कश्मीर में धर्मग्रंथ नष्ट किए जलाए गए, पाकिस्तान में 1947 में चार सौ अठाईस बड़े हिन्दू मंदिर थे, जबकि विनाश के बाद केवल बीस बड़े हिन्दू मंदिर आज बचे हैं, जब उनतीस जनवरी 2023 को वृन्दावन में और तीस जनवरी 2023 को लखनऊ में हिन्दू धर्मग्रंथ रामचरित मानस की प्रतियां सरेआम जलाई गई, तब संयुक्त राष्ट्रसंघ मानवाधिकार परिषद् अथवा किसी भी अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्था ने विरोध क्यों नहीं किया, निंदा प्रस्ताव पारित क्यों नहीं किया। क्या एक का खून खून है, दूसरे का खून पानी है?)
अंगूर खट्टे हैं
इस सप्ताह स्वदेशी भारतीय तकनीक से निर्मित चंद्रयान तीन को भारत ने चांद पर पहुंचने हेतु श्रीहरिकोटा से भेजा है तथा पूरी संभावना है कि आगामी कुछ महीनों में ही भारतीय चंद्रयान तीन चांद की सतह पर पहुंच जाए ऐसा होने पर भारत वास्तव में रूस, अमेरिका, चीन और जापान से चांद पर पहुंचने की होड़ में आगे निकल जाएगा, क्योंकि इन देशों के चंद्रयानों को चांद तक पहुंचने में अधिक समय लगेगा।
- द न्यूयार्क टाईम्स, अमेरिका
(टिप्पणी- पूर्णत: भारतीय स्वदेशी वैज्ञानिक तकनीक एवं उपकरणों से भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित चंद्रयान तीन की अभूतपूर्व सफलता को महत्वहीन बताने की होड़ में भारतीय प्रगतिशील उदारवादी बुद्धिजीवियों के साथ ही भारत से जलने वाले शत्रु देश भी है। सन 2018 से 2022 तक पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की कैबिनेट में विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी मंत्री रहे फवाद चौधरी का एक बयान पाकिस्तानी मीडिया में चर्चित है, चांद तो हमें धरती से ही दिख जाती है, चांद पर पहुंचने के लिए इतने पापड़ बेलने की जरूरत नहीं है। फवाद साहब, आजादी के पचहत्तर वर्ष बाद भारत चांद की सतह पर पहुंचकर चांद संबंधी जानकारी जुटाता है, जबकि पाकिस्तानी अपनी धरती से तथा चांद तारे वाले पाकिस्तानी राष्ट्रध्वज को निहारते हुए ही चांद को जानने का प्रयास करते हैं। (लेखक अंग्रेजी के सहायक प्राध्यापक हैं)