सुरक्षा को खतरा बनीं फ्रॉड कंपनियां

Update: 2023-06-30 20:46 GMT

दीपक उपाध्याय

एक बड़े टीवी चैनल में काम करने वाले अमित सिंह (नाम बदला हुआ है) को उस समय झटका लगा जब वो अपना सालाना टैक्स भरने के लिए इंकम टैक्स की वेबसाइट पर पहुंचे। अपना पैन कार्ड नंबर डालकर साइट खोलने के बाद अमित को पता लगा कि वो दो कंपनियों के मालिक हैं। इन कंपनियों का अच्छा ख़ासा टर्नओवर भी है और इनके नाम से जीएसटी भी फाइल और रिसीव हो रहा है। ये देखने के बाद अमित के हाथपांव फूल गए, क्योंकि ऐसी किसी कंपनी के बारे में उन्हें पता ही नहीं था, ऊपर से कंपनी के टर्नओवर को देखते हुए उन्होंने तुरंत अपने एक मित्र चार्टर्ड अकाउंटेंट से संपर्क किया। वहां से अमित को पता लगा कि उनके पैन कार्ड से किसी ने कंपनी बनाई है।

नोएडा के सेक्टर 16 में काम करने वाले अमित ने तुरंत नोएडा के सेक्टर 20 में इस बाबत शिकायत की। मामला बड़ा होने के कारण नोएडा पुलिस ने तुरंत ही इसपर एफआईआर दर्ज कर ली और छानबीन शुरु कर दी। हालांकि ये पहला मामला नहीं था कि जब किसी व्यक्ति का पैन कार्ड चोरी कर कंपनी खोली गई हो। इससे पहले भी कई बार फर्जी तरीके से पैन कार्ड का इस्तेमाल कर कंपनी खोली गई थी और जीएसटी की चोरी की गई थी। लेकिन इस मामले में पुलिस को एक ऐसा गैंग पता चला कि पुलिस अधिकारी भौचक्के रह गए।

पुलिस को अपनी जांच में करीब 2660 कंपनियों का पता लगा, जिनको दूसरों के पैन कार्ड पर बनाया गया था। मामला कितना बड़ा है इसका पता इसी बात से लगता है कि इन कंपनियों के जरिए इस गैंग ने सरकार को करीब 15 हज़ार करोड़ रुपये का जीएसटी का चूना लगा दिया है। बात सिर्फ जीएसटी की ही नहीं है, बल्कि बात शेल कंपनियों के जरिए फर्जी बिलों की भी है। यानि काले धन को सफेद करना कितना आसान है। सरकार अपनी ओर से एक बार डिमोनेटाइजेशन कर चुकी है। फिलहाल 2000 के नोटों को वापस लेने की प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियों का पता चलता है तो ये हमारे सिस्टम के लिए एक बड़ी ख़तरे की घंटी है। इस तरह की कंपनियों के जरिए कितना भी काला धन सफेद किया जा सकता है। ये फर्जी कंपनियां फर्जी इनवाइस बनाकर किसी को भी भुगतान कर सकती हैं। यानि देश में भ्रष्टाचार, ड्रग्स या फिर देश तोड़ने के लिए अगर फंड करना हो तो इन कंपनियों का इस्तेमाल करके किया जा सकता है। फिर सरकार का इनको पकड़ना काफी मुश्किल होगा। ये कैसे हो सकता है इसको समझना होगा। मान लिजिए, दुबई या सिंगापुर में देश में दंगे कराने के लिए एक फंड रखा हुआ है, उस फंड को देश में पहुंचाने के लिए ये फ्रॉड कंपनियां दुबई और सिंगापुर की कंपनियों को कुछ सेवाएं या सामान एक्सपोर्ट करेंगी और इन कंपनियों को ये फंड वहां से ट्रांसफर हो जाएगा, फिर ये फंड भारत में उन लोगों को पहुंचा दिया जाएगा, जोकि देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं। इसी वजह से ये फ्रॉड कंपनियां देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बहुत ही बड़ा ख़तरा है। इस ख़तरे को भांपते हुए ही वित्त मंत्रालय ने बेशक कंपनियों के रजिस्ट्रेशन को सख्त कर दिया है। लेकिन ये सख्ती लगातार रहने के साथ साथ छोटी-छोटी कंपनियों पर भी नज़र रहनी चाहिए, ताकि कंपनियों के इस चैनल का इस्तेमाल देश के खिलाफ ना हो पाए।        (लेखक वरिष्ठ स्तंभकार हैं)

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