ग्वालियर। नगर निगम ने डीआरडीई की परिधि में पहले तो भवन बनाने की अनुमति प्रदान कर दी और फिर स्वयं ही भूल गया। इस क्षेत्र में 51 बिना अनुमति के बनी इमारतों को जब तोडऩे की नौबत आई तो भवन स्वामियों ने जो दस्तावेज पेश किए, उनमें पांच भवनों की अनुमति नगर निगम द्वारा दी गई है। यह मामला सामने आने के बाद अब नगर निगम प्रशासन स्वयं कटघरे में आ गया है। जांच में और अन्य भवनों के निर्माण की अनुमति सामने आने के आसार हैं।
उच्च न्यायालय के आदेशानुसार नगर निगम को डीआरडीई के 200 मीटर के दायरे में हुए अवैध निमार्णों पर कार्रवाई करना है, जिसमें 51 भ्वानों की सूची न्यायालय में भी पेश की जा चुकी है। न्यायालय ने आदेश में कहा है कि भवनों पर नियमानुसार कार्रवाई कर जवाब प्रस्तुत करें। उधर अवैध निर्माण की संपत्तियों की तोडऩे से पहले निगम द्वारा नोटिस देने पर रविवार को जोन क्रमांक 11 व 13 की लगभग 28 संपत्तियों की जांच हो चुकी है। अब सोमवार को जोन क्रमांक 14 में स्थित लगभग 23 संपत्तियों की जांच की जाएगी। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि उनमें से भी दो अनुमति सामने आने की संभावना है।
न्यायालय मांग सकता है जवाब
डीआरडीई परिधि में भवन निर्माण पर जब रोक लगी थी तो नगर निगम के अधिकारियों ने कैसे भवन स्वामियों को अनुमति प्रदान कर दी। यह सवाल न्यायालय में निगम के अधिकारियों से पूछा जा सकता है, जिसके चलते अब नगर निगम के अधिकारी अपने बचाव के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं।
अनुमति मिलने के बाद अब सूची से बाहर निकालना है
पांच सम्पत्तियों के निर्माण की स्वीकृति के दस्तावेज मिलने के बाद अब अवैध निर्माण की सूची से इन पांच भवानों के नाम को बाहर निकलना पड़ेगा। इसके लिए उच्च न्यायालय में संशोधित सूची पेश की जाएगी।
सिटी प्लानर ने अधिकारियों के साथ की जांच
रविवार को पांच सम्पत्तियों के निर्माण की स्वीकृति के दस्तावेज भवन स्वामियों द्वारा पेश किए गए। रविवार को नगर निगम मुख्यालय में सिटी प्लानर ज्ञानेन्द्र सिंह जादौन ने भवन शाखा से जुड़े अधिकारियों के साथ मिलकर सभी जवाबों की जांच की, जिनमें से पांच भवन स्वामियों द्वारा निर्माण की स्वीकृति के दस्तावेज सौंपे गए हैं।
भवन स्वामी लगा रहे हैं नगर निगम के चक्कर
एमपी नगर में रहने वाले लोग अपने मकानों को टूटने से बचाने के लिए अब नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ लोग तो अधिकारियों से यह तक कह रहे हैं कि साहब कुछ भी करके हमारे मकान बचा लो। सूत्रों की मानें तो निगम के अधिकारी भी अपनी जुगाड़ में लगे हुए हैं।
अभी तक नहीं मिले समीक्षा के आदेश
बीते दिनों केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर डीआरडीई की 200 मीटर की परिधि को 10 मीटर कर रिव्यू आदेश जारी कराने को लेकर चर्चा हो चुकी है, लेकिन अभी तक समीक्षा के आदेश नहीं आए हैं, जिसके चलते एमपी नगर के रहवासी दहशत में हैं। अगर समीक्षा के आदेश आते हैं तो एमपी नगर में रहने वालों को राहत मिल सकती है।
इन भवन स्वामियों के मिले अनुमति के दस्तावेज
डॉ. हरीशचंद सैथिया, जीवन ज्योति नेत्रालय, जीडीए ने दी निर्माण की स्वीकृति।
नवभारत प्रेस, सिटी सेंटर, टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग ने दी निर्माण की स्वीकृति।
के.पी. सिंह, विधायक, महाराणा प्रताप नगर, नगर निगम ने दी निर्माण की स्वीकृति।
राजभोग होटल, सिटी सेंटर, नगर निगम ने दी निर्माण की स्वीकृति।
अलफांजो रेस्टोरेंट, सिटी सेंटर, नगर निगम ने दी निर्माण की स्वीकृति