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भाजपा नेताओं के मोर्चा संभालने से कांग्रेस हलकान

डीके जैन

Update: 2024-04-25 23:30 GMT

ग्वालियर। देश की 18 वीं लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान में 12 दिन शेष हैं। चुनावी घमासान अब गति पकड़ चुका है। दूसरे चरण के चुनाव से फुर्सत मिलते ही अब विभिन्न दलों के स्टार प्रचारकों ने तीसरे चरण वाले चुनाव क्षेत्रों का रुख कर लिया है। ग्वालियर- चंबल संभाग की 4 लोकसभा सीटों पर भी तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है। भाजपा के नेताओं ने चारों सीटों पर मोर्चा संभाल लिया है और सभाओं के साथ रोड शो का सिलसिला शुरू कर दिया है। एक ओर जहां भाजपा संगठन पूरी तरह चुनावी मोड में आ गया है तो कांग्रेस और बसपा उम्मीदवार अभी अकेले ही संघर्ष कर रहे हैं।

भाजपा नेताओं के पूरी तरह मोर्चा संभालने से कांग्रेस और उसके उम्मीदवार हलाकान हैं। ग्वालियर- चंबल संभाग की चारों सीटों ग्वालियर, श्योपुर - मुरैना, भिण्ड- दतिया व शिवपुरी- गुना से पिछले चुनाव में भाजपा उम्मीदवार विजयी हुए थे गुना-शिवपुरी के परिणाम आशा के विपरीत रहे थे और परिणाम से सभी हतप्रभ थे। भाजपा ने नवंबर 23 में हुए विधानसभा चुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाकर बिसात बिछाना शुरू कर दिया था। भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत अपने उम्मीदवारों को भी पहले ही मैदान में उतार दिया ।

कांग्रेस में सेंध लगाकर कांग्रेस के कई विकेट गिरा -

वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस में सेंध लगाकर कांग्रेस के कई विकेट गिरा अपने पाले में शामिल कर मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली है। ग्वालियर-चंबल संभाग में पूर्व विधायक कमलेश सुमन, पूर्व विधायक बलवीर दंडोतिया, पूर्व विधायक अजब सिंह कुशवाह, पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला जैसे अनेक लोग अपने- अपने दलों को छोड़ भाजपा का पट्टा पहन चुके हैं। भाजपा के उम्मीदवारों को पहले मैदान में आने से अपने अभियान को सुचारु रूप से चलाने के लिए पर्याप्त समय भी मिल गया। भाजपा के बूथ स्तर से लेकर विधानसभा स्तर तक के सम्मेलनों के साथ विभिन्न मोर्चों और प्रकोष्ठों की लगाम भी संगठन ने कस दी और अब कार्यकर्ता घर- घर दस्तक देने में जुटे हैं।वहीं दूसरी ओर क्षेत्रिय नेताओं के साथ संगठन की ओर से नियुक्त किए गए प्रभारियों , विस्तारकों ने भी अपने -अपने मोर्चों पर मुस्तैदी से कमान संभाल ली है।

सभी पर निगाह भी बनाए हुए 

प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा चारों सीटों पर अपनी अहम भूमिका का निर्वहन कर जहां सभी को सक्रिय कर रहे हैं तो सभी पर निगाह भी बनाए हुए है। इधर भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा लगातार सभाएं व बैठकें कर रहे हैं। वहीं ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर भी ग्वालियर उम्मीदवार भारत सिंह कुशवाह के लिए पूरी तरह मैदान में हैं। अब भाजपा के सुपर स्टार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को मुरैना में सभा कर भाजपा के लिए बिगुल फूंक गए हैं। वहीं 26 अप्रैल शुक्रवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी अंचल में आ रहे हैं। वह गुना लोकसभा के अंतर्गत आने वाले अशोकनगर जिले के पिपरर्ई गांव में केन्द्रीय मंत्री और गुना से भाजपा उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में सभा करेंगे।

अमित शाह राजगढ़ में करेंगे सभा 

शाह पड़ौसी सीट राजगढ़ के खिलचीपुर में भाजपा उम्मीदवार रोडमल नागर के लिए सभा संबोधित करेंगे। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी ग्वालियर के साथ अंचल में प्रचार के लिए आने वाले हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य नेता भी यहां आने वाले है। भाजपा यहां पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई है। भाजपा उम्मीदवार दिन- रात बैठक, जनसंपर्क , सभाओं में जुटे हैं तो बूथ स्तर पर भी उसके कार्यकर्ता मोर्चा संभाल क्षेत्र में मतदाताओं से संपर्क करते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस की बात करें तो विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद हार की समीक्षा और उसका ठीकरा एक - दूसरे पर फोडऩे में नेता जुट गए। कार्यकर्ता पराजय से हताशा में डूब गए। कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश अध्यक्ष से कमलनाथ को हटाकर विधानसभा चुनाव में पराजित जीतू पटवारी को संगठन की कमान सौंप दी। पटवारी ने शुरूवात में जो सक्रियता दिखाई उससे लगा वह कार्यकर्ताओं की हताशा दूर कर संगठन को नए सिरे से खड़ा करेंगे,लेकिन वह दो दिग्गजों कमलनाथ व दिग्विजय सिंह के आभामंडल में उलझ गए और अभी तक अपनी टीम ही नहीं बना पाए। रही सही कसर भाजपा ने कांग्रेस के अनेक दिग्गजों व हजारों कार्यकर्ताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर उसकी कमर ही तोड़ दी। इधर लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही कांग्रेस ने उम्मीदवार पहले घोषित करने के दावे तो किए लेकिन उम्मीदवारों की घोषणा में फिर पिछड़ गई।

ग्वालियर- चंबल संभाग में सबसे पहले भिण्ड सीट से भाण्डेर विधायक फूलसिंह बरैया का टिकट घोषित किया तो एक पखवाड़े बाद गुना से राव यादवेन्द्र सिंह यादव को मैदान में उतारा। इसके बाद ग्वालियर और मुरैना सीट पर उम्मीदवार घोषित करने में उसे पसीना आ गया । जैसे- तैसे उम्मीदवार घोषित भी हुए तो फूफाओं के मुंह फूल गए। कई फूफा तो अभी भी मैदान में कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। हालात यह हैं कि भिण्ड, ग्वालियर और गुना में कांग्रेस उम्मीदवार अकेले पसीना -पसीना हो रहे हैं। मुरैना उम्मीदवार सत्यपाल सिंह सिकरवार को अवश्य परिवार का साथ मिलने से कुछ राहत है। एक तरफ उनके बड़े भाई विधायक सतीश सिकरवार, महापौर शोभा सिकरवार मोर्चा संभाले हैं तो दूसरी तरफ उनके चाचा वृन्दावन सिंह सिकरवार, उनके पुत्रों ने मोर्चा संभाल रखा है।

ग्वालियर में प्रवीण पाठक भी दिन रात एक किए हुए हैं। कभी कभी स्थानीय नेता उनके साथ नजर भी आ जाते हैं। लेकिन इस सबके बावजूद भाजपा की तरह उसका संगठन और उसके नेता अभी नजर नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस के ओर से प्रदेश के स्टार प्रचारक कमलनाथ छिंदवाड़ा में उलझे रहे। अब वहां से फ्री भी हुए तो ग्वालियर- चंबल अंचल तक नहीं आ पाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजगढ़ में उलझ गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार मालवा में व्यस्त हैं। फिलहाल स्टार प्रचारकों का कांग्रेसजनों को इंतजार है।

मुरैना में 2 मई को स्टार प्रचारक प्रिंयका गांधी आने वाली हैं। गांधी परिवार के अलावा कांग्रेस के अन्य दूसरे नेता यहां आएंगे , लेकिन वह कितना प्रभाव छोड़ पाएंगे, इसको लेकर कांग्रेसी ही खुद भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। एक अन्य प्रमुख दल बसपा की बात करें तो उसने अंचल की चारों सीटों पर उम्मीदवार तो मैदान में उतार दिए हैं। उम्मीदवारों रमेश गर्ग, देवाशीष जरारिया, कल्याण सिंह कंषाना , धनीराम चौधरी ने अपने - अपने क्षेत्र में अपना अभियान शुरू कर दिया है और अपने बूते मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कवायद में है। बसपा पर भी स्टार प्रचारकों के नाम पर सुप्रीमो मायावती हैं जो यहां 7 मई को मतदान के पूर्व यहां आकर बसपा उम्मीदवारों के लिए समर्थन मांग सकती हैं। फिलहाल भाजपा के आक्रामक रुख से कांग्रेस व बसपा उम्मीदवार हलाकान हैं।

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