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जन्माष्टमी : गोपाल मंदिर में करोड़ों रुपये के आभूषण पहने श्रीराधाकृष्ण मोह रहे सबका मन

जन्माष्टमी महोत्सव पर किया गया विशेष श्रृंगार, आमजनों के लिए खोले मंदिर के पट, दर्शनार्थियों की लगी भीड़

Update: 2018-09-03 08:20 GMT

ग्वालियर। ग्वालियर के फूलबाग परिक्षेत्र में स्थित रियासतकालीन गोपाल मंदिर में आज श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर श्रीराधाकृष्ण का श्रृंगार किया गया। हर साल की तरह इस साल भी ग्वालियर नगर निगम वे भगवन श्रीराधाकृष्ण के बहुमूल्य आभूषण बैंक लॉकर से निकाले और फिर श्रीराधाकृष्ण को पहनाये। नगर निगम की तरफ से महापौर विवेक नारायण शेजवलकर और आयुक्त विनोद शर्मा सेन्ट्रल बैंक की इंदरगंज शाखा पहुंचे और आभूषण निकलवाए और पुलिस सुरक्षा के बीच गोपाल मंदिर पहुंचे। यहाँ आभूषणों की गिनती के बाद भगवान का अभिषेक किया गया उसके बाद महापौर और निगम आयुक्त ने नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित और एमआईसी सदस्य सतीश बोहरे के साथ पूजा अर्चना के साथ भगवान का श्रृंगार किया और उसके बाद मंदिर के पट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए। जैसे ही मंदिर को दर्शनों के लिए खोला गया सबसे पहले दर्शन करने के लिए लोगों में होड़ मच गई। जिन्हे नियंत्रित करने के लिए मंदिर के पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।पुखराज और माणिक जड़ा राधारानी का मुकुट और तीन किलो वजन का 16 ग्राम का पन्ना जड़ा श्रीकृष्ण का मुकुट अलग ही मनोहारी रूप प्रदर्शित कर रह था और जिसने भी इस रूप को देखा उसका कहना था कि वो धन्य हो गया। गोपाल मंदिर देर रत तक लोगों के दर्शनों खुला रहेगा और रात्रि में 1 बजे के बाद भगवान के उक्त आभूषण पुलिस बल के साथ वापस जमा कराये जायेंगे।


बहुमूल्य दुर्लभ आभूषणों से किया गया श्रीराधाकृष्ण का श्रृंगार

श्रीराधाकृष्ण का श्रृंगार में करोड़ों रुपये कीमत के आभूषण उपयोग किये गए हैं। जिसमें सफेद मोती वाला पंचगनी हार जिसकी कीमत लगभग चार लाख रुपये बताई जाती है, सात लड़ी हार जिसमें 62 असली मोती और 55 पन्ने होंगे सन् 2007 में इनकी अनुमानित कीमत लगभग 10 से 12 लाख रुपये आंकी गई थी, इसके अलावा सोने के तोड़े तथा सोने का मुकुट श्रीकृष्ण को पहनाया गया है, जिनकी कीमत भी लगभग 40 लाख रुपये है। राधाजी का ऐतिहासिक मुकुट जिसमें पुखराज और माणिक जणित पंख हैं तथा बीच में पन्ना लगा है, तीन किलो वजन के इस मुकुट की कीमत आज की दरों पर लगभग दो करोड़ रुपये आंकी गई है तथा इसमें लगे 16 ग्राम पन्ने की कीमत लगभग 12 लाख आंकी गई है। श्रीराधाकृष्ण के नखशिख श्रृंगार के लिये लगभग साढ़े 12 लाख रुपये के आभूषण पहनाये गए हैं जिनमें श्रीजी तथा राधा के झुमके, सोने की नथ, कण्ठी, चूड़ियां, कड़े इत्यादि से भगवान को सजाया गया है। भगवान के भोजन इत्यादि के लिये भी प्राचीन बर्तनों की सफाई कर इस दिन भगवान का भोग लगाया गया । लगभग 40 लाख रुपये कीमत के चांदी के विभिन्न बर्तनों से भगवान की भोग आराधना की गई।  

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