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कारनामा : इंडियन ऑयल की मिलीभगत से अधिक गैस सिलेंडर ढोने बढ़ाई ट्रकों की लम्बाई

नियमों को ताक पर रखकर ट्रांसपोर्टरों की करतूत, मौत को दे रहे न्यौता

Update: 2019-12-02 11:53 GMT

क्षमता 450 गैस सिलेण्डरों की, लाद रहे 504 सिलेण्डर, मूकदर्शक बना परिवहन विभाग

ग्वालियर/वेब डेस्क।  ग्वालियर-चम्बल अंचल में गैस सिलेण्डरों का परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टर अधिक कमाई के चक्कर में लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने नियम विरुद्ध तरीके से ट्रकों की लम्बाई बढ़ाकर अलग से बॉडी जुड़वा ली है, जिससे अधिक गैस सिलेण्डरों का परिवहन किया जा सके। वह खुलेआम बड़ी घटनाओं को न्यौता दे रहे हैं क्योंकि लम्बाई बढऩे से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। यह ट्रक परिवहन अधिकारियों की नाक के नीचे से सरेआम मौत का सबब बनकर दौड़ रहे हैं, पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। गैस सिलेण्डरों का परिवहन करने के लिए मौजूदा समय में टाटा एवं आयशर कंपनी के दस पहिया वाले ट्रकों का ज्यादातर उपयोग किया जा रहा है, जिनकी क्षमता 450 गैस सिलेण्डरों की है। ट्रक की लम्बाई औसतन 18, 20 और 22 फीट होती है। यह काम करने वाले कुछ ट्रांसपोर्टरों ने मोटी कमाई के चक्कर में नियम विरुद्ध तरीके से ट्रकों की लम्बाई 6, 8 एवं 10 फीट तक बढ़ा ली है। पीछे की तरफ अलग से लोहे के बड़े एंगल लगाकर बॉडी जुड़वा दी है, जिससे ट्रकों की क्षमता बढ़ गई है। चूंकि पीछे की तरफ पहिये नहीं लगाए गए हैं, इसलिए यह ट्रक बड़े हादसों को न्यौदा दे सकते हैं। यह सरेआम परिवहन नियमों का उल्लंघन है। विशेषज्ञों की मानें तो इन ट्रकों के पलटने का खतरा अधिक बढ़ गया है क्योंकि यह ट्रक पीछे की तरफ का भार उठाने में सक्षम नहीं हैं। मोटी कमाई के चक्कर में ट्रांसपोर्टर आम लोगों की जिंदगी के साथ खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं।

इंडियन ऑयल की भी है मिलीभगत

सूत्रों की मानें तो इंडियन ऑयल ने गैस सिलेण्डरों के परिवहन के लिए बड़े ट्रकों की मांग की थी। चूंकि ट्रांसपोर्टरों के पास बड़े ट्रक नहीं थे, इसलिए उन्होंने मोटी कमाई के चक्कर में 18 से 20 फीट लम्बाई वाले ट्रकों की बॉडी को करीब 8 से 10 फीट तक बढ़ा लिया। ट्रांसपोर्टनगर में मिस्त्रियों के माध्यम से अलग से बॉडी जुड़वाई, जो किसी मौत से कम नहीं है। उसके बाद इन ट्रकों को इंडियन ऑयल में लगवा दिया। अब धड़ल्ले से इन वाहनों में गैस सिलेण्डरों का परिवहन किया जा रहा है। इसमें कहीं न कहीं इंडियन ऑयल के अधिकारियों की भी मिलीभगत है क्योंकि उन्हें भी यह पता है कि जिस तरीके से गाडिय़ों की क्षमता बढ़ाई गई है, वह नियम विरुद्ध है और यह वाहन दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहे हैं।

परिवहन प्रकोष्ठ ने उठाया मुद्दा फिर भी नहीं हुई कार्रवाई

ट्रांसपोर्टरों द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से ट्रकों की बॉडी बढ़वाने के मामले को लेकर कांग्रेस परिवहन प्रकोष्ठ ने परिवहन आयुक्त एवं क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सहित प्रशासनिक अमले को शिकायत की, साथ ही परिवहन विभाग को कुछ ट्रकों के नम्बर भी दिए। इसके बाद भी विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई और यह ट्रक धड़ल्ले से मौत का सबब बनकर घूम रहे हैं। इनमें क्षमता से अधिक गैस सिलेण्डरों को भरा जा रहा है।

.....एक नजर

- ग्वालियर-चम्बल संभाग में करीब 250 गैस एजेंसियां संचालित हैं, जहां इन वाहनों के माध्यम से गैस सिलेण्डर पहुंचाए जाते हैं।

- एक गाड़ी में गैस सिलेण्डरों की निर्धारित क्षमता 450 है। करीब 8 से 10 फीट बॉडी बढ़ाने से 54 सिलेण्डर अतिरिक्त आने लगे हैं।

- अंचल में करीब 250 ट्रकों में अतिरिक्त बॉडी जोडक़र इन्हें 8 से 10 फीट तक पीछे की तरफ बढ़ाया गया है।

- बॉडी बढ़ाने से करीब 10 हजार रुपए का अतिरिक्त लाभ होने लगा है।

इनका कहना है

गैस सिलेण्डरों का परिवहन करने वाले टाटा एवं आयशर कंपनी के ट्रकों की लम्बाई को नियम विरुद्ध तरीके से 8 से 10 फीट तक बढ़ा दिया गया है। इनमें धड़ल्ले से अवैघ रूप से गैस सिलेण्डरों का परिवहन किया जा रहा है, जो खुलेआम मौत को न्यौता दे रहे हैं। बॉडी बढ़ाने से गाड़ी का हिस्सा बाहर निकल गया है, जिससे कभी भी बड़ी घटना हो सकती है। इसकी शिकायत परिवहन विभाग व इंडियन ऑयल से भी की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

राजीव मोदी

जिलाध्यक्ष, कांग्रेस परिवहन प्रकोष्ठ, ग्वालियर

ट्रकों की बॉडी बढ़ाना नियम विरुद्ध एवं गैरकानूनी है। ट्रांसपोर्टरों ने शिकायत की है और छह गाडिय़ों के नम्बर दिए हैं, जिसके आधार पर उन्हें नोटिस भेजा गया है और निर्देश दिए हैं कि वह एक सप्ताह में अपना पक्ष प्रस्तुत करें तथा गाडिय़ों को सही कराएं। यदि समय पर जवाब नहीं दिया तो संबंधित ट्रकों के फिटनेस निरस्त किए जाएंगे।

एम.पी. सिंह

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, ग्वालियर

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