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बीएमओ ने निर्वाचन आयोग को दी गलत जानकारी

15 वर्षों से एक ही स्थान पर हैं पदस्थ गृह जिला भी बदल डाला

Update: 2018-10-29 06:18 GMT

ग्वालियर। विधानसभा चुनावों को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा खासी सख्ती बरती जा रही है, जिसके चलते गड़बड़ करने वाले जिलाधीश स्तर तक के अधिकारियों को भी तुरंत बदला जा रहा है, उसके बावजूद शिवपुरी जिले की करैरा तहसील में पदस्थ ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) द्वारा रिटर्निंग अधिकारी को अपने संबंध में गलत जानकारी प्रदाय की गई है, यहां तक की उन्होंने अपना गृह जिला तक बदल दिया है।

करैरा बीएमओ डॉ. प्रदीप शर्मा द्वारा निर्वाचन आयोग को अपने संबंध में कई जानकारियां गलत दी गई हैं। यहां बता दें कि डॉ. शर्मा मूल रूप से मुरैना जिले की जौरा तहसील के निवासी हैं, जो कि उनकी सर्विस बुक में भी दर्ज है, लेकिन उन्होंने रिटर्निंग अधिकारी को जो जानकारी दी है, उसमें अपना गृह जिला शिवपुरी दर्शाया गया है। इसके अलावा वे लगभग 15 वर्षों से एक ही स्थान अर्थात् करैरा में पदस्थ हैं, यह जानकारी भी उन्होंने निर्वाचन आयोग से छुपाई है, साथ ही डॉ.शर्मा राजपत्रित अधिकारी की श्रेणी में आते हैं, यह बात भी उन्होंने रिटर्निंग अधिकारी को नहीं दी है। डॉ.शर्मा द्वारा की गई इन गड़बडिय़ों की पुष्टि उनके द्वारा निर्वाचन आयोग को जानकारी देने बाबत् जो फॉर्म भरा गया है, उससे की जा सकती है, जिसमें उन्होंने फॉर्म के कॉलम क्र. 8 में राजपत्रित अधिकारी के स्थान पर नहीं भरा है, इसके साथ ही उन्होंने कॉलम क्र. 15 में गृह विधानसभा क्षेत्र में करैरा तथा कॉलम क्र. 16 में गृह जिला शिवपुरी अंकित किया है, वहीं कॉलम क्र. 19 में उन्होंने करैरा में विगत् 15 वर्षों से पदस्थ होने की जानकारी भी छुपाई है।

पूर्व में भी इन आरोपों में घिरे

यहां बताना गौरतलब होगा कि बीएमओ डॉ.प्रदीप शर्मा की कार्यशैली शुरू से विवादित रही है, इसके पूर्व भी वे सीएम हेल्पलाइन में गलत जानकारी देने, पैसे लेकर नियम विरुद्ध ढंग से केयर टेकर की नियुक्ति करने, पल्स पोलियो सहित अन्य योजनाओं में गबन करने जैसे गंभीर आरोपों में घिरे रहे हैं, यह बात अलग है कि अपने रसूख के चलते आज तक वह किसी भी प्रकार की कार्रवाई होने से बचे हुए हैं, चूंकि निर्वाचन आयोग से उन्हें कार्रवाई होने का डर था, इसलिए उनके द्वारा निर्वाचन आयोग को गलत जानकारी देकर भ्रमित किया जा रहा है।

जमकर खा रहे मलाई

डॉ. प्रदीप शर्मा विगत् 15 सालों से करैरा में डटे हुए हैं, इस दौरान उन्होंने यहां अपनी अच्छी खासी पैठ जमा ली है, साथ ही उन्होंने अपना निजी नर्सिंग होम भी खोल लिया है, जिसमें वे शासकीय अस्पताल में आने वाले मरीजों को रैफर करवाकर जमकर मलाई खाने में लगे हुए हैं, जिससे अब वे करैरा से जाना नहीं चाहते हैं, यही कारण है कि उनके द्वारा निर्वाचन आयोग को गलत जानकारी प्रदाय की जा रही है।

''बीएमओ ने यदि गलत जानकारी दी है, तो यह बेहद गंभीर मामला है, मैं जांच करवाता हूं, यदि आरोप सत्य पाया गया तो संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।Ó

अशोक कुमार सिंह चौहान

एडीएम, शिवपुरी

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