ग्वालियर में निजी हाथों में जाएगी रेलवे स्टेशन की पूछताछ सेवा, 24 घंटे मौजूद रहेंगे कर्मचारी

मंडल के ग्वालियर सहित 18 स्टेशनों पर तैनात होंगे कर्मचारी

Update: 2024-05-09 10:45 GMT

ग्वालियर। ट्रेन कितनी विलंबित है, किस रूट पर कौन सी ट्रेन जाएगी, ट्रेन किस प्लेटफार्म पर आएगी, जैसी जानकारियां अब रेलकर्मी नहीं बल्कि निजी कंपनियों के कर्मचारी बताएंगे। रेलवे स्टेशन पर बने पूछताछ केंद्र पर रेलकर्मियों की जगह अब निजी कर्मचारी यात्रियों के सवालों का जवाब देंगे। यह सुविधा रेलवे स्टेशन पर 24 घंटे मिलेगी। पूछताछ केंद्रों पर तैनात कर्मचारियों का विशेष ड्रेस कोड भी होगा जो मेट्रो स्टेशनों की तर्ज पर रखा जाएगा। निजीकरण की दिशा में यह रेलवे का एक और कदम माना जा रहा है।

उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल के 18 रेलवे स्टेशनों के पूछताछ केंद्र निजी हाथों में देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके टेंडर प्रक्रिया चल रहा है। चरणबद्ध तरीके से अन्य स्टेशन भी इसमें जोड़े जाएंगे। कुल 23 पूछताछ केंद्र बनेंगे। यह 1095 दिन यानी तीन वर्ष के लिए निजी कंपनी इनका संचालन करेगी। इसमें अनुभवी व वित्तीय क्षमतावान ठेकेदारों को ही मौका मिलेगा।

यहां बता दे कि रेलवे बोर्ड ने बीते साल सभी जोन को निर्देश जारी किए थे कि रेलवे में होने वाले खर्चों में कटौती की जाए। इसके बाद बीएसएनएल के लैंडलाइन फोन, इंटरनेट केबल, सफाई कर्मियों के पद सहित कई खर्च में कटौती की गई। इसके बाद छोटे स्टेशनों से सामान्य टिकट बांटने वाले कर्मियों को भी हटाया गया। इन स्टेशनों को कमीशन एजेंटों को दिया जा रहा है। अब झांसी मंडल ने अपने 18 महत्वपूर्ण स्टेशनों की 24 यात्री पूछताछ खिडक़ी पर प्राइवेट व्यक्ति को बैठाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

ये 18 स्टेशन हैं शामिल

वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी, ग्वालियर, बांदा, मुरैना, डबरा, दतिया, भिंड, उरई, ललितपुर, पुखरायां, खजुराहो, चित्रकूट धाम कर्वी, महोबा, ओरछा, हरपालपुर, टीकमगढ़, छतरपुर और घाटमपुर स्टेशन शामिल हैं।

6 करोड़़ रूपए देगी रेलवे

रेलवे ने तीन साल के लिए पूछताछ खिडक़ी का ठेका देने के लिए टेंडर जारी किया है। इसमें ठेके का समय तीन साल निर्धारित किया गया है। जिसमें रेलवे अनुबंध करने वाली कंपनी को लगभग 6 करोड़ रुपये देगी। जिसमें कंपनी को अपने कर्मचारी को भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी देनी होगी।

इनका कहना है

बेहतर सेवाओं के लिए रेलवे हमेशा प्रयासरत है। पूछताछ के लिए आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं ली जाएगी। इसकी प्रक्रिया चल रही है।

मनोज कुमार सिंह

मंडल रेल जनसंपर्क अधिकारी। 

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