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जीवाजी क्लब : 30 लाख रूपए दूसरे खाते में ले जाने पर सचिव पर उठी अंगुलियां

माफी मांगने पर बनी बात, जीवाजी क्लब की साधारण सभा में कई निर्णय

Update: 2019-08-19 01:00 GMT
Image Credit - Prajjval

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। जीवाजी क्लब के सचिव द्वारा क्लब के खाते से 30 लाख रुपए निकालकर दूसरे खाते में डाले जाने का मामला रविवार को क्लब की साधारण सभा की बैठक में गूंजा। कुछ सदस्यों ने इसे आपराधिक कृत्य बताते हुए सचिव डॉ नीरज कोल पर उंगलियां उठाई। इसपर डॉ कोल ने कहा कि उन्होंने ऐसा क्लब के हित में किया था, फिर भी यदि इसमें मेरी कोई गलती है तो मैं उसके लिए माफी मांगता हूं।

जानकारी के मुताबिक रविवार को सायं क्लब की साधारण सभा की बैठक चेयरमैन एवं संभागीय आयुक्त बीएम शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें सर्वश्री केजी दीक्षित, वृंदावन सिंह सिकरवार, पुलंदर सिंह किरार, राजवीर सिंह राठौर, संग्राम कदम, गुड्डू भदौरिया आदि ने क्लब के सचिव डॉ नीरज कॉल द्वारा डेढ़ साल पहले 30 लाख रूपए स्नूकर एसोसिएशन के खाते में ट्रांसफर करने का मामला उछाला। यह रकम डेढ़ साल तक स्नूकर खाते में रहने के बाद जून 2019 में क्लब के खाते में वापस आई थी। श्री सिकरवार का आरोप था कि यह आपराधिक और अमानत में खयानत का मामला है। इसपर अन्य सदस्यों ने भी उनका पक्ष लिया। जिसपर काफी विवाद उठने के बाद डॉ कॉल ने कहा कि यदि मुझसे कोई गलती हुई है तो मैं क्षमा चाहता हूं। मैंने ऐसा क्लब के हित में किया था। पैसा ट्रांसफर करने में सचिव के साथ कोषाध्यक्ष राकेश अग्रवाल के भी हस्ताक्षर थे। सदस्यों का आरोप था कि गुपचुप तरह से राशि ट्रांसफर करने से पहले कार्यकारिणी एवं साधारण सभा में यह प्रकरण लाया जाना चाहिए था। वहीं मोती तबेला के सामने जीवाजी क्लब के बैडमिंटन कोर्ट के पास दुकानें बनाने को मंजूरी दी गई। गैर सदस्यों के क्लब में आने पर 500 रुपए की रसीद कटाए जाने की बात उठी। कुछ सदस्यों ने जिम की खराब हालत और लोन बुकिंग की व्यवस्था पर भी सवाल उठाए।

इनका कहना

क्लब से 30 लाख रूपए की राशि स्नूकर खाते में इसलिए ट्रांसफर की गई थी, क्योंकि उस समय क्लब के ऊपर 36 करोड़ रुपए की डायवर्सन पेनल्टी लगी हुई थी। अब यह राशि ब्याज सहित क्लब के खाते में आ गई है, इसलिए साधारण सभा में इस मुद्दे पर वस्तु स्थिति स्पष्ट कर दी गई है।अब कोई विवाद नहीं है।

राकेश अग्रवाल

कोषाध्यक्ष जीवाजी क्लब

क्लब से बिना किसी को बताए 30 लाख रूपए की राशि दूसरे के खाते में ट्रांसफर करना आपराधिक मामला है। इसे क्लब की साधारण सभा में उठाए जाने पर भले ही सचिव ने माफी मांग ली है, किंतु हम कानूनी राय लेकर इसे अदालत में ले जाएंगे।

वृंदावन सिंह सिकरवार वरिष्ठ सदस्य जीवाजी क्लब

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