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मप्र में कोरोना की तीसरी लहर के कारणों को समाप्त करना लक्ष्य : मुख्यमंत्री

Update: 2021-06-26 13:40 GMT

भोपाल।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आज प्रदेश में कोरोना के 46 नये प्रकरण रिपोर्ट हुए हैं। कुल 204 व्यक्ति डिस्चार्ज हुए हैं। वर्तमान में प्रदेश में 927 एक्टिव केस बचे हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि कोरोना अब नियंत्रण में है। मध्यप्रदेश देश में 31वें नम्बर पर है। सात दिन की पॉजिटिविटी दर 0.1 प्रतिशत है। इस स्थिति के बाद भी प्रदेश में कोरोना के टेस्ट कम नहीं होने दिये जाएंगे। प्रतिदिन 80 हजार टेस्ट आवश्यक रूप से किये जाएं।

मुख्यमंत्री चौहान ने यह बातें शनिवार को कोरोना संक्रमण नियंत्रण की समीक्षा बैठक को मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअली संबोधित करते हुए कही। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी उपस्थित थे। बैठक में सभी कोविड प्रभारी मंत्री और अधिकारी वर्चुअली शामिल हुए।

तीसरी लहर के कारणों को समाप्त करना है हमारा लक्ष्य -

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी लहर की संभावना खत्म नहीं हुई है। अत: लगातार सतर्क रहने के लिए अधिक से अधिक टेस्ट आवश्यक हैं। प्रदेश के कोने-कोने में टेस्टिंग और ट्रेसिंग से तत्काल संक्रमण की पहचान और उस पर नियंत्रण संभव होगा। हमारा प्रयास यह हो कि हम संक्रमण के प्रत्येक प्रकरण के कारणों की पहचान करें। इससे सभी सावधानी बरती जा सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीसरी लहर के कारणों को समाप्त करना हमारा लक्ष्य होगा।

म्यूकर माइकोसिस के इलाज में परिवारों को राहत देना जरूरी -

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि म्यूकर माइकोसिस का इलाज बहुत महंगा है। गरीब तथा मध्यम वर्गीय परिवारों को इलाज के आर्थिक बोझ से बचाना जरूरी है। अत: शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में म्यूकर माइकोसिस के इलाज की श्रेष्ठ व्यवस्था की जाये। समीक्षा में बताया गया कि वर्तमान में म्यूकर माइकोसिस के 532 मरीज मेडिकल कॉलेजों में और 200 मरीज निजी अस्पतालों में उपचाररत हैं।

मरीज और परिवार का सहयोग आवश्यक -

उन्होंने कहा कि केंसर जैसी गंभीर और अधिक खर्च वाली बीमारियों में मरीज और उसके परिवार को आर्थिक राहत और भावनात्मक संबल देने के लिए आवश्यक मेकेनिज्म विकसित किया जाए। कोरोना संक्रमण के मरीजों के इलाज,उनकी स्थिति, आवश्यक व्यवस्था और उन्हें सहयोग देने आदि की प्रतिदिन समीक्षा की गई। पीड़ित मरीजों और परिवारों को राहत प्रदान की गई। इसी प्रकार किडनी की समस्या, बायपास सर्जरी, थैलेसीमिया जैसी गंभीर और खर्चीली बीमारियों से ग्रस्त मरीजों और परिवारों की नियमित मानीटरिंग की व्यवस्था स्थापित की जाए और उन्हें सहयोग प्रदान किया जाये।

 30 प्रतिशत जनसंख्या का टीकाकरण - 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शुभ संकेत है कि प्रदेश में टीकाकरण को लेकर भय और भ्रम दूर हुआ है। लोग स्वयं टीकाकरण के लिए आगे आ रहे हैं। प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों का जल्द से जल्द टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे। समीक्षा में जानकारी दी गई कि 18 वर्ष से अधिक आयु की 30 प्रतिशत पात्र जनसंख्या को टीके की पहली डोज लग चुकी है। इंदौर में 68 प्रतिशत, भोपाल में 60 प्रतिशत, शहडोल और उज्जैन में 44 प्रतिशत, जबलपुर में 41 प्रतिशत और ग्वालियर में 40 प्रतिशत पात्र जनसंख्या को टीके की पहली डोज लगाई जा चुकी है।

इंदौर आगे - 

टीकाकरण महाअभियान में 21 से 25 जून तक इंदौर में 4 लाख 46 हजार 445, भोपाल में 2 लाख 60 हजार 633, उज्जैन में एक लाख 94 हजार 28 और जबलपुर में एक लाख 69 हजार 191 डोजेज लगाई गईं। मुख्यमंत्री ने पन्ना, दमोह, झाबुआ, मंडला, सीधी, बड़वानी, छिंदवाड़ा, सतना, भिंड, टीकमगढ़, खरगोन, अलीराजपुर, अनुपपुर, छतरपुर, मुरैना और आगर जिलों में टीकाकरण को गति देने के निर्देश दिये।

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