टंडन होंगे मप्र मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष: टंडन को सौंपे मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष के अधिकार…

दो महीने से रिक्त था अध्यक्ष का पद

Update: 2025-07-04 13:35 GMT

भोपाल। मप्र सरकार ने राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष के दायित्व आयोग के सदस्य राजीव टंडन को सौंप दिए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं। जिसके तहत मानव अधिकार आयोग के सदस्य राजीव कुमार टंडन को अपने पद के साथ आगामी आदेश तक मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष के रूप में प्राधिकृत किया गया है। मानव अधिकार आयोग में अध्यक्ष एवं सदस्य का पद रिक्त होने के संबंध में स्वदेश ने 30 जून के अंक में 'मानव अधिकार आयोग की फाइलों में दफन हो रही 'चीखें शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने अध्यक्ष के लिए प्राधिकृत किया है।

दरअसल, मानव अधिकार आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष मनोहर ममतानी का 7 मई को कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इसके बाद आयोग में अध्यक्ष और एक सदस्य का पद खाली हो गया। इसके बाद आयोग में सिर्फ एक सदस्य राजीव टंडन बचे। आयोग में अध्यक्ष नहीं होने की वजह से मानव अधिकार हनन से जुड़े मामले प्रभावित हो रहे थे। आयोग में बेंच नहीं लग रहीं। ऐसे में आयोग में अध्यक्ष एवं सदस्य का पद रिक्त होने की खबर पर संज्ञान लेते हुए राज्य शासन ने आयोग में अध्यक्ष के लिए सदस्य राजीव टंडन को प्राधिकृत कर दिया है। यानी वे आयोग के अध्यक्ष की हैसियत से मानव अधिकार हनन से जुड़े मामलों में संज्ञान ले सकते हैं और शासन को सिफारिश भी कर सकते हैं।

आयोग रोज लेता है 8-10 मामलों में संज्ञान

बेंच नहीं लगने की वजह से आयोग में सिर्फ मानव अधिकार हनन से जुड़े मामलों में संज्ञान लेकर संबंधितों को नोटिस जारी किया जा रहा है। आयोग में रोजाना औसतन 8-10 मामलों में संज्ञान लिया जाता है। जिसमें ज्यादा मामले मीडिया रिपोर्ट के आधार पर होते हैं। मानव अधिकार हनन से जुड़ी शिकायतों पर भी आयोग संज्ञान लेता है। चूंकि वर्तमान में आयोग में अध्यक्ष नहीं होने एवं सदस्यों की संख्या पर्याप्त नहीं होने की वजह से काम प्रभावित हो रहा है।

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