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एक सांसद का नहीं, देश के भविष्य का है यह चुनाव: शिवराज

Update: 2019-03-24 15:36 GMT

विजय संकल्प यात्रा की पिपरिया में सभा को पूर्व मुख्यमंत्री ने किया संबोधित

भोपाल/राजनीतिक संवाददाता। लोकसभा चुनाव के संघर्ष का शंखनाद हो गया है, युद्ध के नगाड़े बज रहे हैं, सेना आमने-सामने हैं। हमारा सेनापति तो दुनिया को पता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। लेकिन सामने वाली सेना में सेनापति का पता नहीं है। इतने नेता हैं कि प्रधानमंत्री कह दो तो पच्चीस हाथ उठाकर कहने लगते हैं। यह चुनाव सांसद चुनने का न होकर देश का भाग्य और भविष्य चुनने वाला चुनाव है। यह बात रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विजय संकल्प यात्रा के दौरान होशंगाबाद जिले के पिपरिया में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कही।

श्री चौहान ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को वोट ज्यादा मिले, लेकिन सीट कांग्रेस को ज्यादा मिल गईं। प्रदेश में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नहीं है। सरकार कब तक चले इसका भरोसा भी नहीं है। प्रदेश में विकास के काम ठप्प पड़े हैं। आज प्रदेश में कांग्रेस के राज में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चारों तरफ त्राहि-त्राहि मचाई है। सरकार में एक ही काम चल रहा है वह है तबादला उद्योग।

सभा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक सीताशरण शर्मा, सांसद कैलाश सोनी, उदय प्रताप सिंह, जिला अध्यक्ष हरि जायसवाल, विधायक विजयपाल सिंह, प्रेमशंकर वर्मा, ठाकुरदास नागवंशी, जालम सिंह पटेल, पूर्व मंत्री गोविंद सिंह, पूर्व विधायक रामकिशन पटेल, नरेश पाठक सहित लोकसभा क्षेत्र के पदाधिकारी उपस्थित थे।

कर्जमाफी से पल्ला झाड़ रही है सरकार

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों की कर्जमाफी को लेकर सत्ता में आई कांग्रेस ने किसानों के साथ वादा खिलाफी की है। कमलनाथ सरकार को इस बात का इंतजार था कि जल्द से जल्द आचार संहिता लगे और वह कर्जमाफी से अपना पल्ला झाड़ ले। उन्होंने कहा कि आचार संहिता लगने के चार घंटे पूर्व किसानों के मोबाइल पर कमलनाथ सरकार का यह संदेश पहुंचना कि आचार संहिता के कारण वह कर्जमाफी करने में असमर्थ है। इस बात का प्रमाण है कि सरकार की कभी यह मंशा नहीं रही कि वह किसानों के हित में निर्णय ले।

हमने किया डकैतों का सफाया

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 वर्ष पूर्व भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता संभालते समय सिंचाई का रकबा साढ़े 7 लाख हेक्टयर था, जिसे बढ़ाकर हमने 41 लाख हेक्टयर किया। चंबल क्षेत्र और पूरे प्रदेश से डकैतों का सफाया कर दिया था। पुलिस यही थी, प्रशासन यही था, लेकिन हमारी नीयत साफ थी कि मध्यप्रदेश की जनता भय और आतंक के माहौल से मुक्त रहे। लेकिन कांग्रेस की सरकार आते ही डकैतों का राज फिर लौट आया है। हत्या, लूट और अपहरण की घटनाएं बढ़ रही हैं। 

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