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16 अगस्त को खेला होबे दिवस मनाया जाएगा : ममता बनर्जी

1993 में मारे गए लोगों की याद में मनाया शहीद दिवस

Update: 2021-07-21 12:15 GMT

कोलकाता।मुख़्यमंत्री ममता बनर्जी ने शहीद दिवस कार्यक्रम के सहारे केंद्रीय राजनीति में प्रवेश की तैयारियों की झलक दी है।  उन्होंने कार्यक्रम में केंद्र से भाजपा की विदाई करने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों से एकजुट होने की अपील की।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने आवास कालीघाट से वर्चुअल तरीके से संबोधित किया। ममता के इस भाषण को पश्चिम बंगाल में बड़े पर्दों पर प्रसारित किया गया।इसके अलावा उनके भाषण को गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, त्रिपुरा और तमिलनाडु आदि राज्यों में भी स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करके प्रसारण किया गया। इस मौके पर तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी, प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्सी, सांसद अभिषेक बनर्जी एवं मुकुल राय मौजूद थे।

चुनाव से पहले हुई हिंसा -  

इस मौके पर ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल के लोगों ने मनी पावर, मसल पावर, माफिया पावर और सत्ता के पावर को धता बताते हुए तृणमूल को राज्य में विजयी बनाया है। यह प्रेरणा रवींद्रनाथ ठाकुर से मिली है। बंगाल के लोग ने वोट दिया है लेकिन पूरे देश ने उनका समर्थन किया था। ममता बनर्जी ने कहा कि त्रिपुरा में लोगों की सभा नहीं करने दी गई है। बंगाल में हिंसा की बात कही जा रही है, लेकिन यह हिंसा चुनाव से पहले हुई थी, बाद की नहीं। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र खतरे में है। हम नहीं जानते हैं कि 2024 में क्या होगा।

अगले लाेकसभा चुनाव तक होगा खेला 

इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने मशहूर चुनावी नारे "खेला होबे" को समर्पित दिवस मनाने की घोषणा एक बार फिर की और कहा कि 2024 तक खेला होता रहेगा। ममता बनर्जी ने कहा कि 16 अगस्त को खेला होबे दिवस मनाया जाएगा। जब तक भाजपा को सभी राज्यों से पराजित नहीं कर देते हैं तब तक खेला होबे। उन्होंने कहा कि आज देश की आजादी को खतरे में डाला जा रहा है। सेंट्रल एजेंसी का गलत इस्तेमाल हो रहा है। राष्ट्रीय गीत रवींद्रनाथ ठाकुर ने लिखा। रवींद्रनाथ टैगोर का नाम भी पाठ्यक्रम से निकाल दिया है। बेरोजगारी बढ़ गई है लेकिन गोली और गाली की राजनीति चल रही है।ममता बनर्जी ने कहा कि तमाम बाधाओं के बावजूद हम जीते। उन्होेंने कहा कि बंगाल देश के लिए मॉडल है, गुजरात नहीं।

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