नहीं रहे गोवा के मुख्यमंत्री पर्रिकर
पणजी/नई दिल्ली, स्व.स.से.। देश के पहले आईआईटियन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को निधन हो गया। पैन्क्रियाज कैंसर से जूझ रहे 63 वर्षीय पर्रिकर की हालत पिछले दो दिन से बेहद खराब थी। रविवार को उनकी स्थिति और ज्यादा नाजुक हो गई थी, जिसके बाद दोना पाउला स्थित उनके निजी आवास पर चिकित्सकों की टीम ने स्वास्थ्य को संभालने का प्रयास किया। लेकिन रात 8 बजे के करीब उनका निधन हो गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी पूरे देश को दी। पर्रिकर के निधन पर केंद्र सरकार ने 18 मार्च को राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इस दौरान देश की राजधानी के साथ राज्यों और केंद्रशासित राज्यों की राजधानियों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। कैंसर से गंभीर तौर पर जूझने के बावजूद वह बीते कई महीनों से मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह कर रहे थे। नाक में ड्रिप लगाए उनकी कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं।
बीमारी के बावजूद कार्यरत रहे
पर्रिकर को पैंक्रियाटिक कैंसर था। पिछले साल से उनका गोवा, मुंबई, अमेरिका और दिल्ली एम्स में इलाज चल रहा था। इसके बाद भी उन्होंने इस बार के बजट सत्र में हिस्सा लिया और 30 जनवरी को बजट पेश किया था। इसके अगले दिन वे इलाज के लिए दिल्ली एम्स चले गए और 5 फरवरी को गोवा लौट आए थे। पर्रिकर को पिछले कुछ समय में जब भी किसी योजना का शिलान्यास करते या सार्वजनिक कार्यक्रम में देखा गया, वे चिकित्सीय उपकरणों से लैस ही थे। नासोगेस्ट्रिक ट्यूब उनके चेहरे पर लगी रहती थी।
अंतिम सांस तक ईमानदारी के साथ गोवा की सेवा करूंगा
इस साल गोवा विधानसभा में बजट पेश करते हुए मनोहर पर्रिकर ने कहा था, 'अंतिम सांस तक ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ गोवा की सेवा करूंगा। जोश है और बहुत ऊंचा है और मैं पूरी तरह से होश में हूं।'
चार बार मुख्यमंत्री रहे पर्रिकर
मनोहर पर्रिकर 24 अक्टूबर, 2000 को पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। उनकी सरकार 27 फरवरी, 2002 तक चली। दूसरी बार 2002 से 2005 तक, तीसरी बार मार्च 2012 से 8 नवंबर 2014 तक और चौथी बार 2017 से अब तक उन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री का पद संभाला।