उत्तराखंड: BRO लेबर कैंप हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए अभियान जारी, सामने आई सेना की तस्वीरें
BRO Labour Camp Avalanche : उत्तराखंड। 28 फरवरी 2025 को सुबह करीब 7:15 बजे, माना और बद्रीनाथ के बीच स्थित एक बीआरओ लेबर कैंप हिमस्खलन की चपेट में आ गया। इस के चलते 57 श्रमिक आठ कंटेनरों और एक शेड के अंदर दब गए थे।
भारतीय सेना की त्वरित प्रतिक्रिया टीमों, जिसमें आईबेक्स ब्रिगेड के 100 से अधिक कर्मी शामिल थे, को तुरंत तैनात किया गया। इसमें डॉक्टर, एम्बुलेंस और प्लांट उपकरण शामिल है। सुबह 11:50 बजे तक, टीमों ने पाँच कंटेनरों का पता लगा लिया और 16 व्यक्तियों को सफलतापूर्वक बचा लिया, जो सभी जीवित थे। बचाए गए 16 में से चार कर्मियों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
शेष तीन कंटेनरों के लिए खोज अभियान जारी है, जिसका उद्देश्य फंसे हुए व्यक्तियों को बचाना है। क्षेत्र में भारी बर्फबारी जारी है, और जीआरईएफ जोशीमठ और माना के बीच सड़क को साफ करने का काम कर रहा है। बचाव और चिकित्सा सहायता के लिए जोशीमठ से अतिरिक्त चिकित्सा संसाधन माना में भेजे जा रहे हैं।
गढ़वाल सेक्टर के माणा गांव के पास जीआरईएफ कैंप पर हिमस्खलन हुआ है।भारी बर्फबारी और मामूली हिमस्खलन के बावजूद भारतीय सेना की आईबेक्स ब्रिगेड ने तेजी से बचाव अभियान शुरू किया। अतिरिक्त सैनिकों और उपकरणों को घटनास्थल पर भेजा जा रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "आज जोशीमठ (उत्तराखंड) के माना क्षेत्र में दुर्भाग्यपूर्ण हिमस्खलन हुआ है, जिससे बीआरओ का जीआरईएफ कैंप प्रभावित हुआ है। स्थिति के बारे में सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात की। प्रशासन प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। स्थानीय सेना इकाइयों द्वारा बचाव कार्य भी जारी है। सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके फंसे हुए कर्मियों को बचाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।"
बताया जा रहा है कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उत्तराखंड के चमोली जिले में हुए हिमस्खलन के संबंध में डीजी आईटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ से बात की है।
देखिए तस्वीरें :