लोकसभा में शिवराज सिंह पेश करेंगे “विकसित भारत G-RAM-G बिल”, जाने पूरी डिटेल
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही लोकसभा में “विकसित भारत G-RAM-G बिल 2025” पेश करेंगे। यह बिल मनरेगा योजना का अपग्रेडेड वर्जन है और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार गारंटी को 125 दिन तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखता है।सरकार के अनुसार, यह बिल सिर्फ नाम बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीणों के लिए रोजगार सुरक्षा, बेहतर भुगतान और डिजिटल निगरानी सुनिश्चित करने का नया कानून है।
मनरेगा से G-RAM-G तक ये बदलाव
योजना का नया नाम: “विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)” (VB-G RAM G)
रोजगार गारंटी बढ़ाई गई: 100 दिन से 125 दिन प्रति वर्ष
मनरेगा अधिनियम, 2005 को निरस्त कर नया कानून लाने का प्रस्ताव
मकसद: ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी कम करना, स्थानीय रोजगार बढ़ाना और ग्रामीणों के लिए सशक्तीकरण एवं आजीविका सुनिश्चित करना।
बिल में शामिल मुख्य प्रावधान
125 दिन रोजगार की कानूनी गारंटी: ग्रामीण परिवारों के वयस्क सदस्य हर वित्त वर्ष में मजदूरी आधारित रोजगार के हकदार होंगे।
भुगतान व्यवस्था: रोजगार का भुगतान साप्ताहिक या कार्य पूरा होने के 15 दिनों के भीतर।
बेरोजगारी भत्ता: यदि आवेदन के 15 दिनों के भीतर काम उपलब्ध नहीं, तो बेरोजगारी भत्ता।
कार्य योजना: ग्राम पंचायत से शुरू होकर ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर समेकित, राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना स्टैक से जोड़ा जाएगा।
चार मुख्य क्षेत्र: जल सुरक्षा, मुख्य ग्रामीण अवसंरचना, आजीविका से जुड़ी अवसंरचना, और आपदा-रोधी ढांचा।
खेती का समय: अधिकतम 60 दिन प्रतिवर्ष योजना का हिस्सा नहीं; प्राकृतिक आपदा में छूट।
डिजिटल निगरानी: बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण, जियो-टैगिंग, डिजिटल MIS और सामाजिक अंकेक्षण अनिवार्य।
शिकायत निवारण: बहु-स्तरीय व्यवस्था और जिला स्तर पर लोकपाल।
वित्तीय मद: उत्तर-पूर्व और हिमालयी राज्यों के लिए 90:10, अन्य राज्यों के लिए 60:40, और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 100% केंद्रीय सहायता।
अनुमानित वार्षिक व्यय: 1.51 लाख करोड़, जिसमें केंद्र का हिस्सा ₹95,692 करोड़।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस ने बिल का विरोध किया है। सांसद रंजित रंजन ने कहा कि नाम बदलने की राजनीति महात्मा गांधी की विरासत पर असर डाल रही है। उन्होंने रोजगार की अवधि 150 दिन और न्यूनतम मजदूरी ₹400 करने का सुझाव दिया।
भाजपा सांसद भोला सिंह का कहना है कि बिल जनप्रिय और सुधारोत्तम है, और यह गरीब तबके के लिए रोजगार और आर्थिक उन्नति सुनिश्चित करेगा।
डिजिटल और ग्रामीण दृष्टिकोण
बिल में ग्रामीण विकास के लिए डिजिटल उपाय अपनाए गए हैं।
जियो-टैगिंग और डिजिटल MIS
सामाजिक ऑडिट और साप्ताहिक रिपोर्टिंग
इनके माध्यम से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। बिल का लक्ष्य ग्रामीणों को रोजगार के अवसर देना और समृद्ध ग्रामीण भारत का निर्माण करना है।
बजट और भविष्य
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मनरेगा/रोजगार योजनाओं का बजट 86,000 करोड़ रखा गया है, जो अब तक का सबसे बड़ा आवंटन है।नई योजना ग्रामीणों को बेहतर अवसर, नियमित भुगतान और रोजगार सुरक्षा प्रदान करेगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में स्थायी सुधार और सामाजिक समृद्धि संभव होगी।