सिलक्यारा में दोबारा शुरू हुआ बचाव अभियान, वर्टिकल ड्रिलिंग जारी

प्लाज्मा कटर से ऑगर मशीन के टुकड़ों को बाहर निकाला जाएगा

Update: 2023-11-26 11:46 GMT

वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू 

उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग आरंभ कर दी गई है। आज सुबह से 15 मीटर ड्रिलिंग का कार्य पूरा हो चुका है और कुल 86 मीटर तक ड्रिल किया जाना है।

सब कुछ ठीक रहा तो चार दिन में यह ड्रिलिंग पूरी हो जाएगी। साथ ही प्लाज्मा कटर से भी ऑगर मशीन के फंसे पार्ट को काटा जा रहा, यह कार्य कल तक पूरा होगा और ऑगर मशीन के बाहर निकलने के बाद मैनुअल वर्क शुरू होगा। आर्मी को ड्रिफ्ट टनल का काम दिया गया, जो मलबे के भाग से सुरंग के दाएं भाग से शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी मजदूर ठीक हैं। उनका हर तरह से ध्यान रखा जा रहा है। 

गौरतलब है कि पिछले दो दिनों से ऑगर ड्रिलिंग मशीन का कार्य बंद था। अब ऑगर ड्रिलिंग मशीन के फंसे हिस्सों को काटने के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द कटिंग का कार्य पूरा होगा। इसके बाद पारंपरिक तरीके से मैनुअली खुदाई कार्य शुरू किया जायेगा।

श्रमिकों को सुरक्षित निकलने के लिए उत्तराखंड सरकार तैयार : धामी 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनकपुर भ्रमण के दौरान उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे टनकपुर के छीनिगोठ निवासी पुष्कर सिंह एरी के घर जाकर उनके परिजनों से मिले और ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि टनल में फंसे सभी श्रमिकों को जल्द सुरक्षित निकाला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी श्रमिक सकुशल हैं। सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए मौके पर तेजी से कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक मजदूर की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। श्रमिकों को खाद्य सामग्री भी नियमित पहुंचाई जा रही है।

नवयुग कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर का विज्ञान उठा भरोसा, लिया बाबा बौखनाग का सहारा- 

हर कोई 5 जी के युग में विज्ञान को चमत्कार मान रहा है, लेकिन नवयुग कंपनी के इंजीनियर और पदाधिकारी भी अब विज्ञान के आगे हाथ खड़े कर आस्था का सहारा लेने लगे हैं। जी हां, हम बात रहे हैं सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल में कार्य कर रहे एनएचडीसीएल कंपनी की अंडरटेकिंग नवयुग कंपनी की है। यह कंपनी टनल का कार्य कर रही है। यह वही कंपनी है, जिसने बहुत पहले से सुरंग के मुंहाने पर बने बाबा बौखनाग के मंदिर को किनारे करते हुए अपना निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। हालांकि हादसे के बाद उन्होंने सांकेतिक रूप से बाबा बौखनाग के मंदिर को स्थापित कर दिया था। अब जब पिछले 12 नवंबर से 41 श्रमिक टनल के अंदर फंसे हुए हैं और अमेरिका की आधुनिक तकनीकी से निर्मित ऑगर ड्रिलिंग मशीन से लेकर दुनिया भर के एक्सपर्टों ने पहाड़ के आगे घुटने टेक दिए, तब रविवार सुबह को नवयुग कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने बौखनाग के थान भाटिया गांव पहुंचकर बाबा से श्रमिकों को बाहर निकालने की विनती की। इस पर बाबा बौखनाग ने प्रोजेक्ट मैनेजर को आशीर्वाद देते हुए कहा है कि 3 दिन के भीतर सभी श्रमिक सुरक्षित बाहर निकलेंगे,लेकिन उन्होंने एक शर्त जरूर रखी। वह शर्त यह है कि निर्माणाधीन टनल के दोनों मुंहाने पर बाबा बौखनाग के मंदिर बनाएं जिसे प्रोजेक्ट मैनेजर ने स्वीकार कर लिया।

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