मप्र में 2533 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे 5.59 करोड़ से अधिक मतदाता

प्रदेश में मतदान के लिए कुल 64,626 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं, जिनमें 64,523 मुख्य तथा 103 सहायक मतदान केन्द्र शामिल हैं। प्रदेश में 230 सीटों पर होने जा रहे चुनाव के लिए 2533 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, जिनकी किस्मत का फैसला प्रदेश के पांच करोड़ 59 लाख 83 हजार 139 मतदाता करेंगे। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 87 लाख 82 हजार 261, महिला मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 71 लाख 99 हजार 586 है और थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 1292 है।

Update: 2023-11-16 18:40 GMT

भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए शुक्रवार, 17 नवंबर को मतदान होगा। इसके परिणाम तीन दिसंबर को आएंगे। प्रदेश की 230 सीटों पर एक ही चरण में मतदान होगा। प्रदेश में चुनाव लड़ रहे 2533 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला 5.59 करोड़ से अधिक मतदाता करेंगे।

नक्‍सल प्रभावित क्षेत्र में होगा सुबह 07 से दोपहर 03 बजे तक मतदान

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने गुरुवार को बताया कि शुक्रवार सुबह 07 बजे से शाम 06 बजे तक मतदान प्रक्रिया सम्पन्न कराई जाएगी। प्रदेश के नक्सल प्रभावित बालाघाट, मंडला और डिंडोरी जिलों के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में सुबह 07 से दोपहर 03 बजे तक ही मतदान होगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। उन्होंने बताया कि मतदान शुरू होने के डेढ़ घंटे पहले सुबह 5:30 बजे से मॉकपोल की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।

मतदान के लिए कुल 64,626 मतदान केन्द्र बनाए गए

राजन ने बताया कि प्रदेश में मतदान के लिए कुल 64,626 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं, जिनमें 64,523 मुख्य तथा 103 सहायक मतदान केन्द्र शामिल हैं। प्रदेश में 230 सीटों पर होने जा रहे चुनाव के लिए 2533 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, जिनकी किस्मत का फैसला प्रदेश के पांच करोड़ 59 लाख 83 हजार 139 मतदाता करेंगे। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 87 लाख 82 हजार 261, महिला मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 71 लाख 99 हजार 586 है और थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 1292 है।

भाजपा का विश्‍वास फिर बनेगी सरकार

इधर, राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को रिझाने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। अब चुनावी शोरगुल तो थम चुका है, लेकिन उम्मीदवार घर-घर दस्तक देकर मतदाताओं से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। भाजपा जहां सत्ता बरकरार रखने के लिए अपने विकास और योजनाओं के दम पर फिर सरकार बनाने का पूरा विश्वास लेकर चल रही है, जबकि कांग्रेस को सत्ता में वापसी के लिए अपने वचन पत्र और 18 साल की सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर से पूरी आस है। भाजपा ने इस बार 100 विधायकों समेत सात सांसद और राष्ट्रीय महासचिव को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत 88 विधायकों पर भरोसा जताया है। बहुजन समाज पार्टी ने दो विधायकों को टिकट दिया है।

पिछली बार कांग्रेस से ज्‍यादा वोट मिले थे भाजपा को, फिर भी बन गई थी कांग्रेस की सरकार

उल्‍लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में 2018 के चुनाव का नतीजा बहुत दिलचस्प था, जिसमें किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। प्रदेश की 230 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 116 है, लेकिन पिछले चुनाव में कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। कांग्रेस को 40.89 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं भाजपा 109 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी, जबकि भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा 41.02 प्रतिशत वोट मिले थे।

इस चुनाव में बहुजन समाजवादी पार्टी दो, समाजवादी पार्टी एक और निर्दलीय चार सीटों पर जीते थे। किसी भी कांग्रेस ने निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार बनाई थी। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके बाद कमलनाथ सरकार 15 माह में ही गिर गई थी। इसके बाद 2019 में शिवराज के नेतृत्व में भाजपा की सरकार की वापसी हुई थी।

पहले मतदान, फिर जलपानः शिवराज

मतदान से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लोकतंत्र के पर्व मध्य प्रदेश विधानसभा के निर्वाचन के लिए शुक्रवार को मतदान होने जा रहा है। प्रदेश के नागरिक अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें। अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करें और राष्ट्रीय कर्तव्य का निर्वहन करें।

उन्होंने कहा प्रत्येक निर्वाचन का अपना महत्व है। हम अपने मत का प्रयोग कर लोकतंत्र को सशक्त बनाने का कार्य करते हैं। यह कर्तव्य प्रत्येक नागरिक का है। यह राष्ट्र के प्रति कर्तव्य पूर्ण करने का प्रतीक भी है। मध्य प्रदेश में समस्त मतदाताओं ने सदैव जागरूकता का परिचय दिया है। हमारे दिव्यांग भाइयों और बुजुर्गों ने भी मतदान में रुचि ली है। प्रत्येक नागरिक को अपने मतदान के अधिकार और लोकतांत्रिक कर्तव्य का गंभीरता पूर्वक निर्वहन करना चाहिए।

लोकतंत्र मजबूत करने की कमलनाथ की अपील भी आई

वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी 17 नवंबर को प्रदेश भर में होने वाले विधानसभा चुनाव में लोकतंत्र को मजबूत करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सशक्त लोकतंत्र के लिए स्वच्छ और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया आवश्यक है और पारदर्शी चुनाव के लिए मतदाताओं का जागरूक होना जरूरी है। उन्होंने प्रदेश के समस्त मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि आप अधिक से अधिक संख्या में अपने मताधिकार का उपयोग करें और लोकतंत्र के इस पावन पर्व को सफल बनाएं। यह चुनाव मध्य प्रदेश के भविष्य का निर्माण करेगा और स्वयं आपके जीवन में आशा का संचार करेगा।

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