रेप केस में उम्रकैद की सज़ा: पूर्व प्रधानमंत्री के पोते प्रज्वल रेवन्ना को कोर्ट ने ठहराया दोषी, पीड़िता को ₹7 लाख मुआवजा देने का आदेश
Karnataka JDS Prajwal Revanna Rape Case Update: बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने नौकरानी से रेप के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और पूर्व जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने रेवन्ना पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया, जिसमें से 7 लाख रुपए पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे।
कोर्ट ने शुक्रवार को प्रज्वल रेवन्ना को दोषी करार दिया था। सजा सुनाए जाने से पहले रेवन्ना ने कोर्ट से कम सजा देने की अपील की और खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। हालांकि, कोर्ट ने उनके दावे को खारिज करते हुए उन्हें दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
फार्महाउस में काम करने वाली महिला ने दर्ज कराया था केस
यह मामला तब सामने आया जब रेवन्ना के परिवार के फार्महाउस में काम करने वाली 47 वर्षीय महिला ने पिछले साल अप्रैल में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। महिला ने आरोप लगाया कि रेवन्ना ने 2021 से कई बार उसका यौन शोषण किया। घटना के बारे में किसी को बताने पर वीडियो लीक करने की धमकी भी दी। पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी, जो अब कोर्ट के फैसले के साथ अंजाम तक पहुंचा।
चार मामलों में से पहले केस में ठहराए गए दोषी
इस मामले में कोर्ट ने 18 जुलाई को सुनवाई पूरी की थी। रेवन्ना के खिलाफ रेप, ताक-झांक, आपराधिक धमकी और अश्लील तस्वीरें लीक करने जैसी गंभीर धाराओं के तहत आरोप तय किए गए थे। उनके खिलाफ कुल चार रेप केस दर्ज हैं। यह पहला मामला है जिसमें उन्हें कोर्ट ने दोषी ठहराया है। बाकी मामलों में भी जांच और कानूनी कार्यवाही जारी है।
50 से ज्यादा महिलाओं ने लगाए आरोप
पिछले साल कर्नाटक सेक्स स्कैंडल में प्रज्वल रेवन्ना का नाम सामने आते ही वह सुर्खियों में आ गए थे। उन पर 50 से ज्यादा महिलाओं ने यौन उत्पीड़न, ब्लैकमेलिंग और धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। अब तक उनके खिलाफ इन आरोपों से जुड़े कुल 4 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। सोशल मीडिया पर भी रेवन्ना के करीब 2,000 अश्लील वीडियो क्लिप सामने आए थे, जिससे मामला और भी तूल पकड़ गया था। 2024 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने हासन सीट से दोबारा चुनाव लड़ा, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया। इन गंभीर आरोपों के बाद जेडीएस पार्टी ने भी रेवन्ना को निलंबित कर दिया था।