नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस नेताओं के विवादित बयान, चुनाव पर असर जान हो जाएंगे हैरान

Update: 2024-05-10 14:29 GMT

वेबडेस्क। भारत में इन दिनों लोकसभा चुनाव का दौर जारी है। सात चरणों में होने वाले इस चुनाव के  अब तक तीन चरण पूरे हो गए, चार चरण शेष है।  चुनाव के दौरान विवादित बयान और राजनेताओं के ज़ुबान फिसलने का लंबा इतिहास रहा है। लेकिन पिछले कुछ चुनावों का आंकलन करें तो जब-जब कांग्रेस या उसके साथी दलों ने भाजपा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई बयान दिया है।  विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी है या यूं कहे कि बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। 

आइए आज आपको बताते है ऐसे पांच मौके जब कांग्रेस को मोदी के खिलाफ दिए विवादित बयानों के कारण हर का सामना करना पड़ा - 

मौत का सौदागर

नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उसी समय से कांग्रेस के निशाने पर रहे है। साल 2007 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित बयान दिया था।  उन्होंने नरेंद्र मोदी को 'मौत का सौदागर' कहा था।  सोनिया गांधी ने नवसारी में चुनावी रैली में कहा था, 'गुजरात की सरकार चलाने वाले झूठे, बेईमान, मौत के सौदागर हैं।  ये पहला मौका था जब गांधी परिवार के किसी सदस्य ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ सीधी टिप्पणी की थी।  लेकिन ये कांग्रेस और गांधी परिवार पर ही उलटी पड़ी। सोनिया गांधी के इस बयान के बाद नरेंद्र मोदी समेत भाजपा की पूरी प्रदेश ईकाई कांग्रेस पर हमलावर हो गई थी, नरेंद्र मोदी ने रैली में लगे आरोपों का जवाब एक चुनावी रैली में ही दिया था। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए हुआ कहा था कि मौत के सौदागर वो हैं जो संसद पर हमला करने वालों को लोगों को फांसी की सजा से बचा रही है। बता दें कि उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह केनेतृत्व में कांग्रेस वाले यूपीए गठबंधन की सरकार थी। .इस चुनाव में 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में भाजपा को 117 सीटें मिलीं, ज‍बकि कांग्रेस 59 सीटें ही हासिल कर सकी।  

'चाय वाला प्रधानमंत्री नहीं बनेगा'

साल 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान जब भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया। उसके बाद कांग्रेस नेताओं ने नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधना शुरू कर दिया था।  कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने जनवरी 2014 में कांग्रेस के अधिवेशन में कह दिया कि नरेंद्र मोदी जब चुनाव हार जाएं तो वे हमारे पास आएं, हम उन्हें 24, अकबर रोड में कैंटीन का ठेका दे देंगे। '  कांग्रेस नेता के इसी बयान को भाजपा ने अपना सबसे अहम मुद्दा बना लिया था। जो काफी काफी कारगर साबित हुआ,  कांग्रेस को आजादी के बाद पहली बार इतनी बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा।  इस चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला, वहीँ 44 सीटों पर सिमट गई।  

'नीच इंसान' 

साल 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान एक बार फिर कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की जुबान फिसल गई थी। उन्होंने नरेंद्र मोदी को 'नीच इंसान' बता दिया था। इस बयान के बाद पीएम मोदी ने कांग्रेस को घेरते हुए जवाब दिया था।  मोदी ने एक जनसभा में इस बयान का जवाब देते हुए कहा था कि 'आपने हमें नीच कहा, निचली जाति का कहा, ये 18 तारीख को नतीजे ही दिखाएंगे कि गुजरात के बेटे को ऐसा कहना कितना भारी पड़ेगा।' इस चुनाव में कांग्रेस का सालों बाद सत्ता में वापसी का सपना टूट गया। भाजपा 99 सीट पाकर सत्ता में आ गई। 

'चौकीदार चोर है' 

साल 2019 लोकसभा चुनाव में सत्ता की वापसी की रही कांग्रेस ने ये चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा था। उस समय राहुल गांधी ने राफेल का मुद्दा उछालकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने राफेल डील में घोटाला करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि 'अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है। '  

उस समय भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को लपक लिया और जवाब देते हुए ए ‘मैं भी चौकीदार’ कैंपेन चला दिया।  उस समय भाजपा नेताओं ने अपना सोशल मीडिया अकाउंट का बायो बदला था। अपने नाम के साथ 'मैं हूं चौकीदार' लिखकर कांग्रेस को पलटवार किया था।इस बयान के बाद भी कांग्रेस को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। 

'मोदी का परिवार'

इस बार के जारी लोकसभा चुनाव में भी विवादित बयानों की बौछार आई हुई है। जिसमें सबसे ज्यादा कांग्रेस नीत वाले इंडी गठबंधन में शामिल राजद नेता लालू प्रसाद यादव का बयान है। लालू प्रसाद ने पटना में 3 मार्च को महागठबंधन रैली में कहा था कि "- पीएम मोदी आजकल परिवारवाद परहमला करते हैं। मैं पूछता हूं कि तुम बताओ कि तुम्हारी कोई संतान क्यों नहीं हुई। उनके पास परिवार ही नहीं है। वो हिंदू नहीं है। हिंदू अपनी मां के श्राद्ध में दाढ़ी-बाल बनवाता है। पीएम की माता जी का जब देहांत हुआ तो उन्होंने बाल-दाढ़ी क्यों नहीं बनवाया।' 

लालू यादव के इस बयान के बाद नरेंद्र मोदी इंडी गठबंधन पर हमलावर हो गए थे। उन्होंने एक रैली में राजद नेता के बयान का जवाब देते हुए कहा कि 'इन्हें बताना चाहता हूं कि मेरा देश, 140 करोड़ देशवासी मेरा परिवार हैं। मैं जब भी परिवारवाद की राजनीति की बात करता हूं, तो विपक्ष के लोग कहते हैं कि मोदी का तो कोई परिवार ही नहीं है।'  

प्रधानमंत्री के इस भाषण के बाद भाजपा ने 2019 की तर्ज पर 'मैं हूँ मोदी का परिवार ' का कैंपेन शुरू कर दिया।  अमित शाह, जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान समेत सभीब नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर अपने बायो में बदलाव करते हुए मोदी का परिवार जोड़ दिया।  

चुनाव परिणाम पर नजर - 

फिलहाल चुनाव अभी जारी है। भाजपा अबकी बार 400 पार के नारे के साथ पूरी ताकत से मैदान में डटी है।वहीँ इंडी गठबंधन भी जीत का दवा करते हुए चुनाव प्रचार कर रही है अब देखना है की इस बार विवादित बयान कांग्रेस और उसके गठबंधन को लाभ मिलता है या हर बार की तरह शिकस्त मिलती है।  

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