Supreme Court: बिहार वोटर लिस्ट से 65 लाख नाम हटाए तो सुप्रीम कोर्ट ने मांगा पूरा हिसाब, 12 अगस्त को होगी सुनवाई

बिहार वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख नाम, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगी पूरी रिपोर्ट

Update: 2025-08-06 10:20 GMT

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से बिहार की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख मतदाताओं की पूरी जानकारी शनिवार (9 अगस्त) तक देने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि यह जानकारी न केवल राजनीतिक दलों को बल्कि याचिका दाखिल करने वाले एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) को भी उपलब्ध कराई जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।

बिहार में चुनाव आयोग ने 24 जून को विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान (SIR) शुरू किया था। 1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में कुल 7.24 करोड़ मतदाता दिखाए गए, जबकि राज्य में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 7.89 करोड़ थी। यानी 65 लाख से अधिक नाम लिस्ट से हटा दिए गए।

चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार की वोटर लिस्ट से हटाए गए मतदाताओं में करीब 22.34 लाख लोग ऐसे थे जिनकी मृत्यु हो चुकी है। वहीं, लगभग 36.28 लाख मतदाता स्थायी रूप से दूसरी जगह जा चुके थे। इसके अलावा, करीब 7.01 लाख मतदाताओं के नाम दो स्थानों पर दर्ज पाए गए, जिनके कारण उन्हें सूची से बाहर किया गया।

जस्टिस सूर्यकांत, उज्जल भुयान और एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने चुनाव आयोग से कहा कि हर उस मतदाता की जानकारी दी जाए, जिसका नाम हटाया गया है, और यह भी स्पष्ट किया जाए कि किस कारण नाम हटाया गया।

वहीं, ADR की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि राजनीतिक दलों को हटाए गए नामों की लिस्ट तो दी गई है, लेकिन उसमें यह नहीं बताया गया कि कौन मरा है, कौन शिफ्ट हुआ है या किसका नाम गलत तरीके से हटाया गया।

ADR ने अपनी याचिका में मांग की है कि हटाए गए 65 लाख नामों की पूरी सूची प्रकाशित की जाए और हर नाम के सामने वजह लिखी जाए मृत्यु, स्थायी पलायन या कोई अन्य कारण।

चुनाव आयोग ने हलफनामा देकर कहा कि वोटर लिस्ट को साफ करने का अभियान चलाया जा रहा है ताकि अपात्र लोग हट जाएं और केवल सही मतदाता सूची में बने रहें।

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 9 अगस्त तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। इसके बाद 12 और 13 अगस्त को इस मामले पर पूरी सुनवाई होगी।

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