जीका वायरस से रहिये सावधान, ऐसे करें बचाव

Update: 2018-10-15 04:58 GMT

उज्जैन/स्वदेश वेब डेस्क। पड़ोसी राज्य राजस्थान में जीका वायरस तेजी से फैल रहा है। इसीलिए राजस्थान की सीमा से लगे मध्यप्रदेश के जिलों के नागरिकों से स्वास्थ्य विभाग ने सावधान रहने की अपील है। विभाग ने सलाह दी है कि राजस्थान से लौटने वाले लोग अपना स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य कराएं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने शनिवार को बताया कि वर्तमान में पड़ोसी राज्य राजस्थान में जीका वायरस के 60 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। जीका वायरस के संक्रमण से नवजात बच्चों में माइक्रोसेफेली और तंत्रिका सम्बन्धी रोग के लक्षण प्रकट होते हैं। यह एक वायरल रोग है। यह वायरस संमित एडिज एजिप्टी प्रजाति की मादा मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया भी फैलाता है।

हम आपको बता दे कि जीका वायरस बीमारी का संक्रमण एडिज मच्छर के काटने से, संक्रमित रक्त से, संक्रमित गर्भवती महिला से गर्भस्थ शिशु को एवं संक्रमित रोगी से समस्त आयु वर्ग के लोगों को हो सकता है| अत: इससे सावधान रहें। इसका प्रभाव 2 से 7 दिनों का होता है। इससे प्रभावित क्षेत्र से आये लोगों में यह बीमारी 15 दिवस तक की अवधि में पाई जाने की संभावना हो सकती है।

जीका वायरस रोग के मुख्य लक्षण

जीका वायरस रोग के मुख्य लक्षण हैं मरीज के शरीर पर चकते आना, बुखार होना, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, बैचेनी होना और आंखें लाल होना। यदि उक्त लक्षण प्रकट हो रहे हैं तो आमजन से अपील है कि तत्काल जिला चिकित्सालय में जाकर जांच और उपचार कराएं। शासकीय चिकित्सालयों में यह पूर्णत: नि:शुल्क उपलब्ध है।

बचाव के उपाय

सीएमएचओ ने बताया कि कुछ उपाय कर इस रोग से काफी हद तक बचा जा सकता है जैसे कि यदि आवश्यक न हो तो प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा न करें, विशेष तौर पर गर्भवती महिलाएं। एडीज मच्छर दिन के समय काटता है| इसीलिए पूरे बांह के कपड़े पहनें, मच्छरदानी का उपयोग करें। इलेक्ट्रॉनिक मॉस्किटो रिपेलेंट, क्रीम आदि का उपयोग करें। फेफड़े, हृदय, लीवर, गुर्दा, मधुमेह, कैंसर आदि लम्बी बीमारियों वाले यात्रियों को यात्रा पर जाने से पहले चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

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