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आंखों की जांच से होगी अल्जाइमर की पहचान

Update: 2019-03-13 04:55 GMT

नई दिल्ली। अब बुजुर्गों में होने वाली बीमारी अल्जाइमर का आंखों की जांच से पता लगाया जा सकेगा। अल्जाइमर होने पर इंंसान सब कुुुछ भूलने लगता है। वैज्ञानिकों ने आंखों के एक ऐसी टेस्ट का ईजाद किया है जो काफी कम कीमत में अल्जाइमर के लक्षणों की पहचान कर लेगा। यह शोध भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक ने किया है।

शोध के अनुसार आंखों में रक्त कोशिकाओं की कमी अल्जाइमर की ओर इशारा करेंगे। 200 लोगों पर किए गए इस शोध में बताया गया है कि दिमागी तौर पर स्वस्थ लोगों के आंखों की रेटिना में रक्त कोशिकाओं का जटिल जाल होता है। शोध के दौरान 133 लोगों की आंखों में यह कोशिकाएं पाई गईं, जबकि अल्जाइमर पीड़ित 39 लोगों की आंखों में यह रक्त कोशिकाएं तुलनात्मक रूप से काफी कम थीं। जिन लोगों को अल्जाइमर हो जाता है उनके दिमाग की कोशिकाओं में बदलाव होता है। चूंकि आंखों की रेटिना दिमाग के ही विस्तार से बनी है इसलिए आंखों की जांच कर अल्जाइमर की पहचान करना आसान हो जाता है। रेटिना की कोशिकाओं में होने वाले बदलाव दिमाग की कोशिकाओं में होने वाले बदलाव की ओर इशारा करते हैं। नई परीक्षण प्रणाली के तहत बड़ी आसानी से चंद मिनटों में रक्त कोशिकाओं की तस्वीर खींची जा सकती है।

उन्होंने बताया कि शोध के दौरान स्वस्थ लोगों और अल्जाइमर पीड़ितों के रेटिना में काफी असमानताएं देखी गईं। इस तकनीक को ऑप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी एन्जियोग्राफी कहा जाता है। उपकरण से निकलने वाले लाइट वेब की मदद से रेटिना में मौजूद कोशिकाओं के सिकुड़ने या कम होने से संबंधित जानकारी जुटाई जाती है।  

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