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बाबरी मामला : उच्चतम न्यायालय 30 सितंबर को सुनाएगा फैसला, आडवाणी-जोशी पर चल रहा है केस

Update: 2020-08-22 14:57 GMT

नई दिल्ली। अयोध्या की बाबरी मस्जिद के विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ की सीबीआई ट्रायल कोर्ट को फैसला सुनाने के लिए एक महीने का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को फैसला सुनने के लिए एक महीने का समय बढ़ाते हुए 30 सितंबर तक का समय दिया है। इस केस में सीनियर बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य नेताओं को आरोपी बनाया गया है।

लखनऊ में स्पेशल सीबीआई जज एस.के. यादव के सामने खुद को बाबरी विध्वंस प्रकरण में पूरी तरह से बेगुनाह बताते हुए आडवाणी ने कहा कि राजनीतिक दबाव में उनके खिलाफ जांच की गई। उन्होंने कहा कि मनगढ़ंत सबूतों के आधार पर चार्जशीट दाखिल की गई। इस दौरान आडवाणी से 100 से अधिक सवाल किए गए।

आडवाणी ने खुद को बताया था निर्दोष

बता दें कि 24 जुलाई को वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 1992 बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में विशेष सीबीआई अदालत के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपना बयान दर्ज कराया था। आडवाणी लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत के सामने वीडियो लिंक के जरिए पेश हुए थे। 4.5 घंटे तक चली सुनवाई के दौरान अदालत ने आडवाणी से 100 से अधिक सवाल पूछे। आडवाणी के वकील ने कहा था कि अपने खिलाफ सभी आरोपों से उन्होंने इनकार किया।

जोशी ने भी खुद को बताया था निर्दोष

वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने 23 जुलाई को विशेष सीबीआई अदालत में अपना बयान दर्ज कराया था। उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए केन्द्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना से फंसाने का आरोप लगाया। 

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