विपक्षी सरकारें तेल की कीमतों पर कर रहे पाखंड, प्रधानमंत्री मोदी के इस विजन में भी बने रोड़ा

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह बोले - विपक्ष शासित राज्य तेल की कीमतों को लेकर पाखंड कर रहे हैं। एक तरफ वह कीमतों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं इन्हीं के जरिय लोगों से अपना खजाना भरने लगे हुए हैं।

Update: 2022-04-28 13:43 GMT

नईदिल्ली। केन्द्रीय तेल एवं प्राकृति गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि विपक्ष शासित राज्य तेल की कीमतों को लेकर पाखंड कर रहे हैं। एक तरफ वह कीमतों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं इन्हीं के जरिय लोगों से अपना खजाना भरने लगे हुए हैं। 

हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि क्या आपने कभी सोचा है कि हवाई टिकट की कीमतें कम क्यों नहीं होतीं? एविएशन टर्बाइन फ्यूल एयरलाइन संचालन की लागत का लगभग 40 प्रतिशत है। पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और दिल्ली एटीएफ पर भारी 25 प्रतिशत से अधिक वैट लगाते हैं। वहीं भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और नागालैंड तथा केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में यह केवल 1 प्रतिशत है। 

राज्य बाधाएं पैदा करते हैं - 

उन्होंने कहा कि विपक्षी शासित राज्यों का यह स्पष्ट पाखंड है। प्रधानमंत्री मोदी अपने 'हवाई चप्पल से हवाई जहाज़ तक' विजन से आम नागरिकों के लिए सस्ती हवाई यात्रा सुनिश्चित करना चाहते हैं लेकिन ये राज्य बाधाएं पैदा करते हैं। वे 'तेल की कीमतों' के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हैं लेकिन लोगों के जरिए अपना खजाना भरने में लगे हुए हैं।

तेलंगाना का अजीबोगरीब मामला - 

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि तेलंगाना का अजीबोगरीब मामला है। यहां पेट्रोल और डीजल पर उच्चतम वैट में से एक है। पेट्रोल पर 35.20 प्रतिशत और डीजल पर 27 प्रतिशत वैट लगाया है। राज्य सरकार ने 2014 से 2021 तक वैट के रूप में 56,020 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। 2021-22 में 13,315 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है। कुल मिलाकर 2014 से 2022 तक 69,334 करोड़ रुपये होता है। यह सब कहां जाता है।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में तेल कीमतों पर अपने यहां वैट कम करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि केन्द्र सरकार ने उत्पादन शुल्क में नवबंर में कटौती की थी। इसी क्रम में लोगों को राहत देने के लिए राज्य सरकारें खासकर विपक्षी राज्यों की सरकारें अपने यहां वैट में राहत दें।

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