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मोदी सरकार का चम्बल एक्सप्रेस-वे के निर्माण का फैसला,खुलेंगे रोजगार के नए अवसर

404 किलोमीटर लम्बे एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर खर्च होंगे 8,250 करोड़

Update: 2020-07-04 13:03 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमने कोटा राजस्थान को भिंड मध्य प्रदेश से जोड़ने वाले चम्बल एक्सप्रेस-वे के निर्माण का फैसला लिया है। इस रोड के बनने से इस इलाके में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी, उद्योग और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को ट्वीट कर चंबल एक्सप्रेस-वे निर्माण की जानकारी देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत के साथ बैठक की। हमने आभासी बैठक के जरिये 8250 करोड़ की लागत से बनने वाला 404 किलोमीटर लम्बे एक्सप्रेस-वे के निर्माण का फैसला लिया है।

गडकरी ने कहा कि चम्बल एक्सप्रैस-वे मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगा और कानपुर को दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर से सीधे जोड़ेगा। इस रोड के बनने से इस इलाके में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी, उद्योग और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। उन्होंने कहा कि चंबल के इलाके को देश के सबसे पिछड़े इलाक़ों में से एक माना जाता है। शियोपुर, मोरेना और आस पास के इलाक़ों में सहरिया जैसे कई जनजाति रहते हैं, उनकी ज़िंदगी बेहतर करने में यह सड़क बेहद कारगर साबित होगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चंबल नदी के साथ बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे का सबसे बड़ा फ़ायदा तीनों राज्यों के गरीब किसानों को होगा जो कि दिल्ली - मुंबई के बाज़ार में अपनी उपज सीधे बेच सकेंगे।

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