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100 साल का हुआ UP Board, 118 देशों की आबादी से ज्यादा है छात्र संख्या

यूपी बोर्ड के तहत 28543 स्कूल प्रदेश में संचालित हैं। जिसमें अध्ययन करने वाले छात्रों की संख्या सवा करोड़ से अधिक है।

Update: 2021-03-18 11:51 GMT

प्रयागराज/ओम प्रकाश परिहार: माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो गए. साल 1921 में प्रयागराज में संयुक्त प्रान्त वैधानिक परिषद (यूनाइटेड प्रोविन्स लेजिस्लेटिव काउन्सिल) के एक अधिनियम द्वारा इसकी स्थापना हुई थी. खास बात ये है कि अपनी स्थापना के दो वर्ष बाद ही सबसे पहले साल 1923 में पहली बार परीक्षा का आयोजन बोर्ड ने करा लिया था, जिसमें हाईस्कूल के 5,655 और इंटर के 89 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए थे.

सबसे पहले अपनाई 10+2 परीक्षा पद्धति

माध्यमिक शिक्षा परिषद भारत का पहला शिक्षा बोर्ड है, जिसने सर्वप्रथम 10+2 परीक्षा पद्धति अपनायी। अपनी स्थापना के सौ साल पूरे कर चुके यूपी बोर्ड की 2021 परीक्षा के लिए पंजीकृत छात्र-छात्राओं की संख्या दुनिया के 118 देशों की आबादी से भी अधिक है। यूपी बोर्ड से इस बार हाई स्कूल के 29,94,312 और इंटर के 26,09,501 कुल मिलाकर 56,03,813 छात्र-छात्राएं 24 अप्रैल से शुरू हो रही परीक्षा में सम्मिलित होंगे।

कई देशों की कुल जनसंख्या से ज्यादा है छात्रों की संख्या

संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से जारी दुनियाभर के 233 देशों की 2019 की जनसंख्या पर नजर डालें तो 118 देशों की जनसंख्या 56 लाख से कम है। वर्ष 2018 की यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए 66,37,018 परीक्षार्थी पंजीकृत थे जो इस साल घटकर 56.03 लाख रह गए हैं। आंकड़ों की बात करें तो कई बड़े देशों की जनसंख्या यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों से कम पड़ जाएगी। फिनलैंड व स्लोवाकिया में क्रमश: 55 व 54 लाख, नार्वे में 53, न्यूजीलैंड, फिलिस्तीन व आयरलैंड की आबादी 49-49 लाख है।

पूरे प्रदेश में 28,543 स्कूल

यूपी बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत 28543 स्कूल प्रदेश में संचालित हैं। जिसमें अध्ययन करने वाले छात्रों की संख्या सवा करोड़ से अधिक है।1973 में यूपी बोर्ड का पहला क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ में खोला गया। 1979 में परीक्षाफल कम्प्यूटर से तैयार करवाए गए। 1986 से स्ववित्तपोषित स्कूलों को मान्यता देने की शुरुआत हुई। 2001 में कक्षा 9 व 11 में अग्रिम पंजीकरण की व्यवस्था लागू की गई।

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