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भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो झील के आसपास बढ़ाई ताकत, सुखोई-मिराज-जगुआर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार

Update: 2020-09-01 05:28 GMT

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील के आसपास सभी रणनीतिक ठिकानों पर सैनिकों और हथियारों की तादाद बढ़ा दी गई है।

जानकारी के अनुसार, एलएसी पर निगरानी तंत्र को भी और मजबूत व सतर्क कर दिया है। दरअसल, लद्दाख में गतिरोध दूर करने को लेकर बातचीत के बीच चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की यह ताजा उकसावेपूर्ण कार्रवाई हुई है। सूत्रों का कहना है कि सेना और सुरक्षा तंत्र के शीर्ष अधिकारियों ने पूर्वी लद्दाख के समग्र हालात की समीक्षा की है। सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने ताजा वाकये के बाद सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ अलग बैठक की।

गौरतलब है कि चीनी सैनिक पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे की ओर बढ़े थे, ताकि उस इलाके पर कब्जा किया जा सके। लेकिन चीन की धोखा देने की रणनीति से वाकिफ भारतीय सेना सतर्क थी। सेना ने चीनी सैनिकों की गतिविधियों को भांपकर तुरंत उन्हें रोका। भारतीय सेना के कड़े प्रतिरोध के कारण चीनी सैनिकों को लौटना पड़ा। खबरें हैं कि चीन ने होतान एयरबेस पर जे-20 लड़ाकू विमान और कई अन्य हथियार तैनात किए हैं। यह हवाई ठिकाना पूर्वी लद्दाख में एलएसी से 310 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहीं भारतीय वायुसेना ने सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज-2000 जैसे लड़ाकू विमान लद्दाख और एलएसी के अन्य अग्रिम वायुसेना ठिकानों पर तैनात कर रखे हैं।

वायुसेना रात के वक्त हवाई गश्त को पहले ही बढ़ाकर चीन को संदेश दे चुकी है कि वह पर्वतीय इलाके में किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है। सैनिकों और हथियारों को को अग्रिम मोर्चों पर भेजने के लिए अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टर भी तैयार हैं।

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