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भारतीय सेना को अमेरिका से मिले जीपीएस लगे तोप के गोले

पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात सेना के लिए की गई है एक्सकैलिबर गोला-बारूद की खरीद

Update: 2020-06-29 14:03 GMT

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीन के साथ चल रही तनातनी के बीच अमेरिका से भारतीय सेना को एक्सकैलिबर गोला-बारूद की आपूर्ति मिल गई है। अब भारत जीपीएस से लैस इन तोप के गोलों के जरिये एलएसी पर 50 किलोमीटर दूर से लक्षित ठिकानों को तबाह कर सकता है। भारत ने सबसे पहले बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय पिछले साल एक्सकैलिबर गोला-बारूद की खरीद की थी। अब फिर चीन से तनाव बढ़ने पर पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात सेना की ताकत बढ़ाने के मकसद से यह एक्सकैलिबर गोला-बारूद की खरीद की गई है।

पिछले साल उड़ी हमले और बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय सशस्त्र बलों को वित्तीय शक्तियां दी गईं थीं। तब भी इसी इमरजेंसी फंड से सेना ने गाइडेड गोला-बारूद की खरीद अमेरिका से की थी। इसके बाद भारतीय सेना ने बिना आबादी वाले क्षेत्रों के करीब दुश्मन पर प्रहार करने की क्षमता हासिल करके पिन प्‍वाइंट पर सटीकता से लक्ष्य साधा था। अब फिर चीन से तनाव बढ़ने पर केंद्र सरकार ने चीनी सेना के खिलाफ हर तरह की कार्रवाई के लिए भारतीय जवानों को खुली छूट देने के साथ ही युद्ध की तैयारी के लिए 21 जून को तीनों सेनाओं को 500 करोड़ का इमरजेंसी फंड जारी किया था।

इसी फंड का इस्तेमाल करके सेना ने अमेरिका से हॉवित्जर तोपों के लिए एक्सकैलिबर गोला-बारूद खरीदने के लिए अमेरिकी हथियार निर्माता कंपनी होवित्जर को 19 जून को ऑर्डर किया था जिसकी आपूर्ति रविवार को हो गई है। इस एक्सकैलिबर गोला-बारूद को अमेरिका ने अफगानिस्तान पर सटीक निशाना साधने के लिए विकसित किया था, जहां वह करीब दो दशकों तक युद्ध लड़ता रहा। इन गोला बारूद का इस्तेमाल हवा के साथ-साथ बंकर जैसे मजबूत ढांचों को भी तबाह करने में किया जा सकता है।इनकी यह भी खासियत है कि घनी आबादी के पास किसी अन्य को नुकसान पहुंचाए बिना दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकते हैं। भारतीय सेना ने इसीलिए लंबी दूरी तक मार करने के लिए गाइडेड गोला-बारूद खरीदे हैं। जीपीएस से लैस ये तोप के गोले 50 किलोमीटर दूर से दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकते हैं।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि इन गोला-बारूद को पहले खासतौर पर नियंत्रण रेखा पर तैनात तोपों के लिए खरीदने की योजना थी जहां पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी आए दिन की बात हो गई है। इस बीच चीन से तनाव बढ़ने और गलवान घाटी में दोनों पक्षों के सैनिकों में हिंसक संघर्ष होने के बाद केंद्र सरकार ने तीनों सेनाओं को 500 करोड़ का इमरजेंसी फंड जारी कर दिया। इस बीच एक बैठक में सेना के अधिकारियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने अमेरिका से गाइडेड गोला-बारूद खरीदे जाने का प्रस्ताव रखा जिसे मंजूर कर लिया गया। अमेरिका निर्मित एम-777 अत्यंत हल्की होवित्जर तोप है जिससे एक्सकैलिबर गोलों को दागा जा सकता है।

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