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संसद के कामकाज पर नहीं होगा कोरोना का असर, मॉनसून सत्र समय पर चलने की उम्मीद : ओम बिरला

Update: 2020-05-10 15:48 GMT

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी की वजह से संसद के अगले सत्र में देरी की आशंकाओं के बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उम्मीद जताई है कि मॉनसून सत्र समय पर चलेगा। मॉनसून सत्र आमतौर पर जून के आखिरी सप्ताह या जुलाई के पहले सप्ताह में शुरू होता है। पिछले साल मॉनसून सत्र 20 जून से 7 अगस्त के बीच चला था।

स्पीकर ने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना वायरस संकट की वजह से यह परीक्षा की घड़ी है, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि सत्र सामान्य सारणी के मुताबिक चलेगा। स्पीकर ने कहा, ''कोविड-19 संकट के बावजूद मैं आशा करता हूं कि सत्र समय पर चलेगा। हालांकि, यह उस समय की परिस्थिति पर भी निर्भर करेगा।''

जून-जुलाई तक यदि सोशल डिस्टेंशिंग का नियम लागू रहा तो क्या सत्र को चलना संभव होगा? इसके जवाब में स्पीकर ने कहा कि जब वह परस्थिति आएगी तो कोई रास्ता निकाला जा सकता है।

कई विशेषज्ञों ने राय जाहिर की थी कि सत्र को सितंबर के आखिरी सप्ताह तक टाला जा सकता है। क्योंकि संविधान दो सत्रों के बीच अधिकतम छह महीने के अंतर की अनुमति देता है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से बजट सत्र को निर्धारित समय से पहले खत्म करना पड़ा था। 23 मार्च को बजट सत्र की समाप्ति कर दी गई थी, जबकि यह 3 अप्रैल तक चलना था।

लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं को लोगों की मदद के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की सलाह देने वाले बिरला ने कहा कि यह प्रयोग बेहद सफल रहा क्योंकि अलग-अलग राज्यों के जन प्रतिनिधी एक दूसरे के संपर्क स्थापित कर सके और दूसरे राज्यों में फंसे अपने क्षेत्र के लोगों की मदद कर सके।

उन्होंने कहा, ''इस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन में सभी पार्टी के सांसद लोगों तक पहुंचे और उनकी मदद की। उनकी तारीफ होनी चाहिए और धन्यवाद दिया जाए।'' उन्होंने कोरोना वायरस से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए केंद्रीय नेतृत्व की तारीफ की।

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