CG NEWS: महिला आयोग के आदेश पर ट्रेनी SI को भेजा नारी निकेतन, ट्रेनिंग पर रोक लगाने के लिए DGP को लिखा पत्र

Update: 2025-04-17 19:15 GMT

Chhattisgarh Womens Commission

Trainee SI was Sent to Nari Niketan : रायपुर, स्वदेश। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने पीडि़ता की शिकायत पर सुनवाई करते हुए ट्रेनी महिला एसआई को नारी निकेतन भेजने का आदेश दिया। आयोग ने अपने फैसले में कहा है कि कानून की जानकार होने के बाद भी ट्रेनी महिला एसआई आवेदिका व उसके बच्चों को परेशान कर रही है। इसकी ट्रेनिंग पर रोक लगाने के लिए डीजीपी को पत्र भी भेजा जाएगा।

आयोग से मिली जानकारी के अनुसार इस प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके पति का अन्य महिला के साथ अवैध संबंध है और आवेदिका से बिना तलाक लिए आवेदिका के पति ने दूसरा विवाह कर लिया है।

आयोग ने दूसरी महिला के मोबाइल की जांच करने पर अनावेदकगणों की आपत्तिजनक स्थिति की तस्वीरें मिली, जिससे यह पुष्टि हुई कि आवेदिका के पति व दूसरी महिला ने अवैधानिक रूप से दूसरा विवाह किया है।

वर्तमान में दूसरी महिला सब इंस्पेक्टर के पद पर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग ले रही है। वहीं एक अन्य प्रकरण में आवेदिका एक बुजुर्ग महिला है जिसमें उसने प्रकरण प्रस्तुत किया कि आवेदिका को उसी के मकान से निकाल दिया गया। जिस पर आयोग ने सुनवाई करते हुए बुर्जुग मां को 15 दिवस के अंदर घर वापस करने का निर्देश दिया।

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण लक्ष्मी वर्मा व सरला कोसरिया ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर पर आज 309वीं एवं रायपुर जिले में 151वीं जनसुनवाई की गई।

ग्राम पंचायत सचिव ने नहीं दिया दस्तावेज

एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक ग्राम पंचायत सचिव आवेदिका को वांछित दस्तावेज नहीं दे रहा है और आवेदिका के पति से मिलीभगत कर दस्तावेज रोक रहा है। आयोग की समझाईश पर अनावेदक सचिव ने यह स्वीकार किया कि उसने जानबूझकर आवेदिका को परेशान किया और 6 माह से उसे घूमा रहा है।

शासकीय सेवा में रहने के बाद भी अपने पद की जिम्मेदारी व गंभीरता को जानबूझकर दांव पर लगाकर आवेदिका के पति का साथ दे रहा है और शासकीय सेवा कत्र्तव्यों का उल्लंघन कर रहा है। आयोग की समझाईश पर अनावेदक सचिव आवेदिका को दस्तावेज देना स्वीकार किया। आयोग ने कहा कि यदि अनावेदक दस्तावेज नहीं देता तो अनावेदक सचिव की सेवा समाप्ति की अनुशंसा की जाएगी।

धोखाधड़ी की शिकायत पर भी हुआ फैसला

सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में दो आवेदिकागणों ने एक ही महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई दोनो आवेदिका ने अनावेदिका के खिलाफ धोखाधड़ी किये जाकर पैसे वापस ना करने की शिकायत कि पहली आवेदिका ने बताया कि अनावेदिका ने आवेदिका (पति-पत्नि) को रेल्वे में नौकरी लगाने के नाम पर उनसे 9 लाख रुपए लिया था और दूसरी आवेदिका ने बताया कि अनावेदिका ने उससे 5 लाख रुपए लिये है। वह खुद रेल्वे में वेल्डिंग का का कार्य करती है जहां वह अनुकंपा नियुक्ति पर कार्यरत है।

दोनो पक्ष आस -पास पड़ोस में रहते है। पास में रहने का लाभ उठाकर धोखा देकर अनावेदिका ने पैसे लिये है और वापस नहीं कर रही है। आयोग द्वारा अनावेदिकागणों को समझाईश दिया गया कि वह अपने सभी दस्तावेज लेकर आयोग में उपस्थित हो, जिसके आधार पर कार्यवाही का निर्णय लिया जायेगा। 


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