पूर्व CM की उपसचिव सौम्या चौरसिया कौन हैं? 4364 करोड़ शराब घोटाले में 5वीं बार गिरफ्तार
शराब घोटाले में कांग्रेस सरकार के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को ईडी ने फिर गिरफ्तार किया है। घोटाले में नाम शामिल होने के साथ ही 4364 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का गंभीर आरोप है।
रायपुरः छत्तीसगढ़ की निलंबित राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया गिरफ्तार हुई हैं। उनको कई अलग अलग मामलों के बाद अब 3200 करोड़ रुपए के शराब मामले में गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले ईडी ने उनको 2 दिसंबर 2022 को इसी मामले पकड़ा था।
ईडी की गिरफ्तारी के बाद वह 822 दिन तक उनको जेल में रहना पड़ा था। वह 3 मार्च 2025 को बेल पर रिहा हुईं थी। जमानत पर रहने के 9 महीने बाद एक बार फिर ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। एक बार फिर उन्हें रायपुर केंद्रीय जेल भेजा जाएगा। पहले के मामले और अब 3200 करोड़ के मामले को मिलाकर उपर 4364 करोड़ रुपए के घोटाले में शामिल होने का आरोप है।
सौम्या पर कैसे लगे 4364 करोड़ के घोटाले के आरोप
सौम्या चौरसिया पर कुल 4364 करोड़ रुपए के घोटाले में शामिल होने का आरोप है। इसमें पहले 500 करोड़ रुपए के अवैध कोल लेवी केस लगा था। तब ईडी ने पकड़ा था। फिर 540 करोड़ रुपए के कोल लेवी केस में ईओडब्ल्यू की गिरफ्तारी। 575 करोड़ के डीएमएफ घोटाले में ईओडब्ल्यू की गिरफ्तारी, 49 करोड़ रुपये आय से अधिक संपत्ति मामले ईओडब्ल्यू की गिरफ्तारी। अब 3200 करोड़ के शराब घोटाले में ईडी की गिरफ्तारी की गई।
कैसे हुई सौम्या की गिरफ्तारी
जांच एजेंसियों का दावा है कि रिटायर आईएएस अनिल टुटेजा, बिजनेसमैन अनवर ढेबर, चैतन्य बघेल, मनीष उपाध्याय और जयचंद कोसले की चैट रिपोर्ट और पूछताछ के आधार पर सौम्या को अरेस्ट किया है।
घोटाले के लिए बने थे कई चैट ग्रुप
बता दें कि पिछली सरकार के दौरान पावरफुल अधिकारियों के आधा दर्जन वाट्सग्रुप थे। इनमें 'बिग बॉस','जय मा काली ग्रुप','पाल ग्रुप','डिस्कशन ग्रुप','जुगनू ग्रुप','अवतार', और 'मंथली ग्रुप' शामिल हैं। इन्हीं में से 'मंथली ग्रुप' में पैसों के ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलती है। इन्हीं ग्रुप्स में मिले चैट के आधार पर सौम्या के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
कौन हैं सौम्या चौरसिया?
सौम्या चौरसिया 2008 बैच की डेप्युटी कलेक्टर हैं। उनकी 17 साल की सर्विस में 89.19 लाख रुपए का वेतन मिला है। वहीं, परिवार की कुल इनकम 2.51 करोड़ रुपए है। इसके बाद भी उन्होंने 49.69 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्तियां खरीदीं। यह उनकी कुल इनकम से 1872 फीसदी से अधिक है। जहां ईओडब्ल्यू ने सौम्या की 39 करोड़ की 29 प्रॉपर्टी अटैच की हैं। वहीं, ईडी ने 8 करोड़ रुपये की 16 अचल संपत्तियां अटैच की हैं। ईडी ने रिश्तेदारों की भी 8 करोड़ की संपत्ति अटैच हुई है।
इंवेस्टमेंट और एफडी का भी खुलासा
सौम्या के अलावा शांति देवी और ओम नारायण के नाम से इंडियन बैंक रायपुर में कुल 8.60 लाख रुपये की एफडी है। सौम्या और सौरभ के नाम पर डीएसपी म्युचुअल फंड और एचएसबीसी म्युचुअल फंड में कुल 57,308 रुपये का इंवेस्टमेंट मिला है। अनुराग चौरसिया ने निपोन इंडिया में 2,25,830 रुपये का निवेश किया है।