मच्छरों के डंक से खुली पोल, मच्छर पकड़कर निगम दफ्तर पहुंचा शख्स

Update: 2025-12-21 06:44 GMT

रायपुर: शहर के वार्डों में फॉगिंग न होने और नालियों में पसरी गंदगी की वजह से राजधानी में मच्छरों का प्रकोप थम नहीं रहा है। शाम होते ही हालात और बदतर हो जाते हैं। हालांकि, इसकी मुख्य वजह नालियों की नियमित सफाई न होना मानी जा रही है, जबकि हर साल नगर निगम मच्छर नियंत्रण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करता है। इसके बावजूद सच्चाई बिल्कुल अलग है।

हालात इतनी खराब हैं कि शुक्रवार को जोन क्रमांक-5 के वामन राव लाखे वार्ड के एक नागरिक ने डेंगू फैलाने वाले मच्छर को पकड़कर निगम मुख्यालय में पेश कर दिया। यह घटनाक्रम निगम की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

पिछली बार और इस बार का खर्च

पिछली बार मच्छर नियंत्रण पर 5 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।

नई मशीन खरीदने के लिए लगभग 70 लाख रुपए का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

लगभग 3 लाख रुपए का एंटीलार्वा केमिकल मुख्यालय द्वारा खरीदा गया, जिसे जरूरत अनुसार जोनों में भेजा जाएगा।

मच्छर जांच और फॉगिंग

निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तृप्सि ने बताया कि जिस मच्छर को पकड़कर लाया गया था, उसकी जांच में वह सामान्य मच्छर पाया गया। डेंगू पर लगातार नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है।नगर निगम के अपर आयुक्त विनोद पांडे ने कहा कि हर जोन में फॉगिंग के लिए मशीन उपलब्ध हैं। जोन कार्यालय साप्ताहिक रोस्टर बनाकर फॉगिंग करता है। सभी वार्डों में हर दिन फॉगिंग करना संभव नहीं है, लेकिन एक-दो दिन के अंतराल में किया जाता है। पहले यह कार्य टेंडर के माध्यम से होता था, लेकिन अब निगम के कर्मी स्वयं फॉगिंग करते हैं।पिछले साल शहर में 68 डेंगू मरीज सामने आए थे, जबकि इस साल अब तक केवल 18 मरीज रिपोर्ट हुए हैं। जनता इतनी परेशान हो चुकी है कि अब खुद मच्छर पकड़कर निगम पहुंचा रही है। 'स्वच्छ रायपुर, सुंदर रायपुर' के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। अगर यह हाल रहा तो पूरे प्रदेश में डेंगू के मरीज बढ़ सकते हैं।

जोन कमिश्नर को आदेश

जिस क्षेत्र से मच्छर लाया गया था, उस जोन कमिश्नर को आदेश दिया गया है कि फॉगिंग और पानी के फ्लो का सही प्रबंधन करें ताकि जमाव न हो। उस क्षेत्र की नालियों में एंटीलार्वा का विशेष छिड़काव करें।

मशीन और बजट की स्थिति

वर्तमान में हर जोन में फॉगिंग के लिए पांच मशीनें हैं। दो बड़ी मशीनें खराब हैं, जिनकी मरम्मत अभी तक नहीं हो पाई है।नगर निगम ने इस साल मच्छर नियंत्रण के लिए कितनी राशि खर्च करनी है, यह बजट में स्पष्ट नहीं किया है। पिछले नगर सरकार में तीन महीने में 1 करोड़ 24 लाख रुपए खर्च किए गए थे, जिसे बाद में बढ़ाकर 5 करोड़ रुपए सालाना करने की बात कही गई थी। इसके बावजूद शहरवासियों को अब तक राहत नहीं मिल पाई है।

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