ताले में बंद सेहत: सात करोड़ का हाईटेक जिम धूल खा रहा

Update: 2025-12-23 04:31 GMT

शहरवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के उद्देश्य से रायपुर नगर निगम ने करोड़ों रुपये खर्च कर हाईटेक जिम, ध्यान और योग केंद्र तो तैयार कर दिए, लेकिन ये सुविधाएं अब खुद बदहाली का शिकार हैं। हालात यह हैं कि शहर के हाईटेक जिम और योग केंद्रों पर महीनों से ताले लटके हुए हैं, जिससे आमजन को इनका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय स्विमिंग पूल के पीछे करीब साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत से जिम की बिल्डिंग बनाई गई, वहीं लगभग तीन करोड़ रुपये की अत्याधुनिक मशीनें लगाई गईं। करीब सात करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद शहरवासियों को इन सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

बिल्डिंग को दूसरे उपयोग में लाया जा रहा

नगर निगम की योजना थी कि एक पाली में लगभग 120 लोग यहां व्यायाम कर सकेंगे। इसके लिए अत्याधुनिक एक्सरसाइज मशीनें, योग और ध्यान से जुड़े संसाधन लगाए गए थे, लेकिन संचालन की ठोस व्यवस्था नहीं होने के कारण यह महत्वाकांक्षी योजना कागजों से आगे नहीं बढ़ सकी और अब अनुपयोगी साबित हो रही है। फिलहाल इस बिल्डिंग को दूसरे उपयोग में लाया जा रहा है।

प्रशिक्षक भी हुए गायब

शुरुआती दौर में इन जिम और योग केंद्रों में प्रशिक्षकों की नियुक्ति की गई थी, जो लोगों को सही तरीके से योग और व्यायाम सिखाते थे। लेकिन कुछ समय बाद प्रशिक्षक हट गए और केंद्रों का संचालन भी बंद हो गया। वर्तमान में महंगी मशीनें धूल फांक रही हैं।

राजधानी का एकमात्र केंद्र

सर्दी के मौसम में गार्डन, योग केंद्र और जिम की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। ऐसे समय में निगम के केंद्र बंद रहने से लोग मजबूरी में निजी जिमों का रुख कर रहे हैं, जहां उनसे भारी-भरकम फीस वसूली जा रही है। राजधानी का यह पहला मल्टी जिम लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया था। यह सरकारी स्तर पर महिलाओं के व्यायाम के लिए विशेष सुविधा वाला पहला जिम था। इसमें बुजुर्गों के लिए उम्र और सेहत के अनुसार अलग मशीनें, युवाओं के लिए आधुनिक वर्कआउट जोन और बच्चों के लिए किड्स जोन भी बनाया गया था।

ताले देखकर निराश लौट रहे शहरवासी

स्थानीय लोगों का कहना है कि रोज सुबह-शाम बड़ी संख्या में लोग व्यायाम के लिए इन केंद्रों पर पहुंचते हैं, लेकिन ताले देखकर उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है। निगम ने करोड़ों रुपये खर्च कर इंफ्रास्ट्रक्चर तो खड़ा कर दिया, लेकिन रखरखाव, स्टाफ और नियमित संचालन को लेकर कोई जिम्मेदारी तय नहीं की गई। नतीजतन, ये केंद्र कई महीनों से बंद पड़े हैं।

नगर निगम का कहना है कि यहां उपकरणों की चोरी की घटनाएं हो रही थीं, जिसके कारण इसे बंद किया गया था। फिलहाल यहां कला केंद्र बनाया गया है और इसे दोबारा संचालित करने की योजना पर विचार किया जा रहा है।

- विनोद कुमार पांडेय, अपर आयुक्त, नगर निगम, रायपुर

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