Madhabi Puri Buch: SEBI की पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच को बड़ी राहत, लोकपाल ने भ्रष्टाचार के आरोपों से दी क्लीन चिट
Madhabi Puri Buch: SEBI की पूर्व अध्यक्ष माधबी पुरी बुच को बड़ी राहत मिली है। लोकपाल ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें क्लीन चिट दे दी है। ये आरोप अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए थे, जिसमें कहा गया था कि बुच और उनके पति की अडानी समूह के विदेशी फंड्स में हिस्सेदारी है।
हिंडनबर्ग ने लगाए थे गंभीर आरोप
2024 के अंत में हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें तत्कालीन SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति पर अडानी ग्रुप के विदेशी निवेश से जुड़े भ्रष्टाचार और मिलीभगत के आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि बुच दंपत्ति ने अपनी हिस्सेदारी छिपाई और SEBI की भूमिका निष्पक्ष नहीं रही।
जानिए लोकपाल ने क्या कहा?
लोकपाल द्वारा जारी आदेश में साफ कहा गया है कि “शिकायतों में लगाए गए आरोप केवल अनुमानों और मान्यताओं पर आधारित है, जिनके समर्थन में कोई ठोस या सत्यापन योग्य साक्ष्य नहीं है।” लोकपाल ने यह भी स्पष्ट किया कि इन आरोपों में 1988 के भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत किसी अपराध का तत्व नहीं पाया गया, इस कारण जांच की कोई आवश्यकता नहीं है।
बुच और अडानी ग्रुप ने पहले ही किया था खंडन
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के तुरंत बाद माधबी पुरी बुच और उनके पति ने इन आरोपों को “बेबुनियाद” बताया था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने कोई भी जानकारी छुपाई नहीं है और सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। वहीं, अडानी ग्रुप ने भी इन आरोपों को “मुनाफाखोरी और बदनाम करने की साजिश” करार दिया था।
लोकपाल के इस फैसले से माधबी पुरी बुच को बड़ी कानूनी राहत मिली है और यह फैसला SEBI जैसे संस्थानों की पारदर्शिता और निष्पक्षता को भी मजबूत करता है। अब यह साफ हो गया है कि बुच के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं जो जांच या कार्रवाई का आधार बन सकें।