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कांग्रेस के टिकट वितरण में अलग-थलग पड़े सिंधिया

सुबोध अग्निहोत्री

Update: 2018-10-29 05:52 GMT

रावत ने सबलगढ़ के लिए दबाव बनाया, प्रद्युम्न के नाम पर राहुल का वीटो

दिल्ली/ भोपाल। कांग्रेस के टिकट वितरण में चुनाव अभियान समिति के संयोजक ज्योतिरादित्य सिंधिया अलग-थलग पड़ गए हैं। दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और अजय सिंह की तिकड़ी ने श्री सिंधिया के वर्चस्व पर रोक लगा रखी है। प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया यूं तो श्री सिंधिया के पक्ष में हैं लेकिन दिग्विजय सिंह के यह कहने कि ''मुझे न तो मुख्यमंत्री बनना है और ना ही कोई पद चाहिए लेकिन कांग्रेस को डूबने नहीं दूंगा के बाद बावरिया भी चुप्पी साध गए हैं।

मामला ग्वालियर-चबल संभाग के टिकट वितरण को लेकर है। बताते हैं कि प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं हमेशा विजयपुर से विधायक बनते आ रहे रामनिवास रावत के क्षेत्र बदलने को लेकर आपस में मदभेद हुए। श्री रावत अपना पुराना क्षेत्र विजयपुर छोड़कर अब सबलगढ़ से चुनाव लडऩे का मन बनाए हुए हैं। इस बात को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी में यह मुद्दा उठा कि सबलगढ़ में साठ हजार कुशवाह समाज के वोटर हैं लिहाजा सबलगढ़ से पार्टी के कार्यकर्ता बैजनाथ कुशवाह को टिकट मिलना चाहिए और श्री रावत चूंकि कार्यवाहक अध्यक्ष भी हैं इसलिए इन्हें अपना क्षेत्र नहीं बदलना चाहिए। इससे संदेश भी गलत जाएगा। यह बात स्क्रीनिंग कमेटी के साथ-साथ प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया के गले भी उतर गई। सूत्र बताते हैं कि जैसे ही यह खबर कार्यवाहक अध्यक्ष रामनिवास को लगी तो वे 15-20 गाडिय़ों में अपने समर्थकों के साथ दिल्ली पहुंच गए और प्रस्ताव रखा कि चुनाव लडूंगा तो सबलगढ़ से लडूंगा नहीं तो चुनाव न लड़कर पार्टी का काम करूंगा। बताते हैं कि श्री रावत ने यह बात श्री सिंधिया के समक्ष रखी। लेकिन स्क्रीनिंग कमेटी ने अभी तक रावत का नाम विजयपुर से ही रखा। यदि श्री रावत को सबलगढ़ से टिकट नहीं मिल पाता है तो वे चुनाव लड़ेंगे या नहीं यह समय के गर्त में है। वहीं ग्वालियर विधानसभा से लगभग १६ हजार मतों से पराजित होने वाले प्रद्युम्न सिंह का नाम भी राहुल ने क्राइटेरिए के कारण रोक दिया है।

उधर गोहद सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में भी टिकट को लेकर कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। क्योंकि कांग्रेस के नेताओं ने साफ तौर पर कहा है कि गोहद सीट डॉ. गोविन्द सिंह के बिना नहीं जीती जा सकती। गोहद सीट पर श्री सिंधिया के पास एक मात्र सुनील सेजवार का नाम है वहीं डॉ. गोविन्द सिंह के खेमे से जिला पंचायत अध्यक्ष रामनारायण हिण्डोलिया, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रेखा बसेडिय़ा, केशव देसाई एवं मेवाराम जाटव के नाम प्रमुख हैं। सूत्र बताते हैं कि इन नामों पर श्री सिंधिया ने आपत्ति दर्ज तो कराई है लेकिन उनके पास कोई जिताऊ उम्म्मीदवार नहीं होने से कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं। स्थिति यह बनी हुई है कि श्री सिंधिया किसी की बात को न मान अपनी सूची पर अड़े हुए हैं। अब तक कांग्रेस के सारे नेताओं में सामंजस्य ही नहीं बैठ पाया है तो क्या सरकार बनेगी? और कैसे मुख्यमंत्री बनेंगे?

सूत्र बताते हैं कि दिमनी से रवीन्द्र सिंह तोमर भिड़ोसा, सुमावली से ऐंदल सिंह कंसाना, जौरा से श्री जगताप, अटेर से हेमंत कटारे, मेहगांव से ओपीएस भदौरिया, लहार से डॉ. गोविन्द सिंह, पिछोर से केपी सिंह, भितरवार से लाखन सिंह के टिकट तय हैं। वहीं ग्वालियर विधानसभा से पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर का नाम सिंधिया ने रखा तो कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी ने इसे क्राइटेरिया में न आने वाला बताकर खारिज कर दिया। जिससे इस सीट पर विवाद की स्थिति बन गई है। इसके अलावा ग्वालियर पूर्व से मुन्नालाल गोयल का नाम तय हैं वहीं दक्षिण से भगवान सिंह यादव, किशन मुद्गल एवं रश्मि पवार में रस्साकसी चल रही है।

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