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विदेश में रहकर हिंदुस्तानी होने का फर्ज निभा रहे विवेक

विवेक ने भारतीय दूतावास मलेशिया और कंपनी के मालिक से संपर्क कर तत्काल शेष भुगतान, जाने का टिकट करवा कर वापस सकुशल बलरामपुर भेज दिया।

Update: 2021-06-18 18:21 GMT

लखनऊ। अयोध्या की माटी में जन्में सामाजिक कार्यकर्ता विवेक तिवारी और उनकी टीम इस समय दुबई के अबूधाबी से हिंदुस्तानियों की भरपूर मदद कर रही है। जिसमें खून, दवाई, भोजन के साथ अन्य दैनिक आवश्यकताओं की चीजें शामिल हैं। उन्होंने बीते दिनों मलेशिया और सऊदी अरब से लोगों को वापस हिंदुस्तान भेज कर अपने हिंदुस्तानी होने का फर्ज निभाया। वह लगातार सामाजिक कार्यों से दुनिया भर के हिंदुस्तानियों की सहायता कर रहे हैं। 

समाजसेवी विवेक तिवारी को लखनऊ के रहने वाले पत्रकार रोहित पांडे से पता चला कि उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के रहने वाले दुर्गा प्रसाद मलेशिया में सपरिवार जीवनयापन कर रहे थे। कोरोना काल में वह अपने घर आना चाहते थे, लेकिन कंपनी ना तो पासपोर्ट दे रही थी और ना ही जाने दे रही थी। इस पर विवेक ने भारतीय दूतावास मलेशिया और कंपनी के मालिक से संपर्क कर तत्काल शेष भुगतान, जाने का टिकट करवा कर वापस सकुशल बलरामपुर भेज दिया। घर आने के बाद अपने परिजनों के बीच दुर्गा बहुत खुश हुए। दुर्गा और उनके परिजन और पत्रकार रोहित ने विवेक तिवारी को धन्यवाद दिया।

इसी तरह विवेक तिवारी को महाराजा सूरजमल विश्वविद्यालय भरतपुर के उप कुलसचिव अरुण पाण्डेय से देवरिया के रहने वाले निवासी कृष्ण मुरारी के बारे में जानकारी हुई। कृष्ण मुरारी सऊदी अरब के रियाद जेल में बंद थे। इस पर विवेक तिवारी ने भारत सरकार की मदद से उन्हें सकुशल वापस उनके घर पहुंचाने में मदद की। विवेक तिवारी ने बताया कि पिछले दो महीने से वह सपरिवार दुबई में हॉस्पिटल के चक्कर लगा रहा हैं, लेकिन फिर भी सबसे पहले हिन्दुस्तान है। जो भी हिंदुस्तानी विदेश में परेशानी का सामना कर रहे हैं, उनकी पूरी टीम उनके साथ खड़ी है।

विवेक तिवारी ने विदेशों में नौकरी करने वाले भारतीयों को सलाह देते हुए कहा, सभी देशों का नियम, कानून अलग होता है। इसलिए जहां भी जाएं उस देश के कानून का पालन करें। विदेश में रहने वाले हर भारतीय के सुख-दुख में हम साथ खड़े हैं। कोई भी अपने आप को अकेला अनुभव न करे। हम सब हिन्दुस्तानी है, और यही हमारी पहचान है।

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