5 दशक का सूखा खत्म: विधानसभा अध्यक्ष ने बनाईं विधायकों की 30 सलाहकार समितियां

महाना का मानना : मंत्रियों को मिलेगी जमीनी सलाह और फीडबैक, योजनाओं की गति को मिलेंगे पंख

Update: 2025-05-14 15:33 GMT

अतुल मोहन सिंह/बृजेश 'कबीर', लखनऊ। यूपी में 50 साल बाद विधायकों की 30 सलाहकार समितियां गठित हुई हैं। समितियां संबंधित विभागों के मंत्रियों को सलाह देंगी, किस तरह जनता की आवश्यकता अनुसार कल्याणकारी योजनाएं तेजी से नीचे पहुंचें और समन्वय से काम हो। पांच दशक से इन समितियों का गठन नहीं हुआ था।

विधानसभा अध्यक्ष का मानना है, एडवाइजरी कमेटियों के गठन से विधायिका को अतिरिक्त मजबूती मिलेगी। विधायकों को मंत्री तक अपनी और क्षेत्रीय जनता की समस्याएं पहुंचाने और समाधान बताने का अवसर मिलेगा।

सरकार को विधायकों की विशेषज्ञता, संपर्क और जनसंवाद का फायदा मिलेगा। प्रत्येक समिति में 16 विधायक हैं। ये बैठकों के माध्यम से मंत्रियों के सीधे संपर्क में रहेंगे। सुझावों पर सरकार अंतिम निर्णय लेकर, ठोस काम करेगी।

इससे क्षेत्र की आवश्यकतानुसार योजनाएं बन सकेंगी। विधायकों का उत्साह बढ़ेगा। एक साल बाद समिति सदस्यों को परिवर्तित किया जा सकता है।

विधायकों को सम्मान और सूचनाएं देंगे अफसर : विधानसभा अध्यक्ष का कहना है, प्रायः शिकायत आती है, अधिकारी विधायकों को यथोचित सम्मान नहीं देते। अब, अधिकारी चाहे कितना वरिष्ठ क्यों न हो, विधायक का स्वागत करेगा। बराबर की कुर्सी पर बैठाएगा। विधायक जनता के प्रति उत्तरदायी है। अधिकारियों का दायित्व है, उन्हें हर जरूरी सूचनाएं दें।

हर प्रश्न, वक्तव्य, कार्य-व्यवहार होता अब रिकॉर्ड : विधानसभा में विधायकों की 18 और भी समितियां हैं, जिन्हें सुनवाई, जांच और निर्णय का अधिकार है। इनकी नियमित बैठकों का असर दिख रहा है। विधानसभा कार्यवाही के दौरान सभी विधायकों के प्रश्न, वक्तव्य, कार्य और व्यवहार को रिकॉर्ड किया जाता है।

धर्मशाला में सम्मेलन 29-30 मई को : हिमाचल के धर्मशाला में 29 और 30 मई को सलाहकार समितियों का सम्मेलन प्रस्तावित है। कुछ राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष और विधायक सम्मिलित होंगे। मंथन होगा, किस तरह विधायिका और मजबूत हो, जनता में मान बढ़े तथा लोकतंत्र मजबूत हो।

योग्यता और विशेषज्ञता में कहीं से कम नहीं माननीय : विधानसभा में 18 डॉक्टर, 19 प्रबंधन और 15 तकनीकी डिग्री धारक, 15 पीएचडी, 85 लॉ ग्रेजुएट और 15 पूर्व आईएएस, आईपीएस तथा पीसीएस अधिकारी हैं। इनकी कुशलता के आधार पर समितियों में जिम्मेदारी दी गई है। 

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