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लखनऊ में मरीजों की मौत पर भड़के तीमारदार, अस्पताल में की तोड़-फोड़

परिजन उनके शवों को लेकर के चले गए रात्रि लगभग एक बजे दोनों मृतक के परिजन लगभग डेढ़ दर्जन लोगों के साथ अस्पताल परिसर में घुस आए और वहां मौजूद कर्मचारियों को पीटते हुए तोड़फोड़ करने लगे। जब तक पुलिस आती सभी मौके से फरार हो गए।

Update: 2021-04-23 18:55 GMT

लखनऊ: पीजीआई थानाक्षेत्र के रायबरेली रोड स्थित आशी क्लीनिक में गुरुवार रात इलाज के दौरान मरीजों की मौत के बाद तीमारदारों ने जमकर तोड़फोड़ करते हुए कर्मचारियों को पीटा संचालक ने पीजीआई थाने में दी तहरीर। रायबरेली रोड स्थित स्वास्थ्य विहार आशी क्लीनिक मे गुरुवार रात कामाख्या 25 वर्ष और मनोज कुमार 45 की इलाज के दौरान मौत हो गई।

परिजन उनके शवों को लेकर के चले गए रात्रि लगभग एक बजे दोनों मृतक के परिजन लगभग डेढ़ दर्जन लोगों के साथ अस्पताल परिसर में घुस आए और वहां मौजूद कर्मचारियों को पीटते हुए तोड़फोड़ करने लगे। जब तक पुलिस आती सभी मौके से फरार हो गए। अस्पताल संचालक डॉ. एसपी शुक्ला ने सीसीटीवी कैमरे में कैद पूरी घटना देखी तब पहचान हुई कि यह सब मृतक के तीमारदारों ने किया है, जिसके तहत उन्होंने पीजीआई थाने में तहरीर देते हुए अस्पताल की सुरक्षा की मांग।

पीजीआई में मिरक्ला की मौत पर विरोध प्रदर्शन :

संजय गांधी पीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी के तकनीकी अधिकारी रजनीश के पत्नी कोरोना संक्रमित के मौत से नाराज संस्थान के कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारी महासंघ के महामंत्री धर्मेश कुमार और नर्सिंग एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला के मुताबिक चार दिन से भर्ती के लिए हम लोग प्रयास कर रहे थे लेकिन संस्थान प्रशासन ने भर्ती नहीं किया। सभी अधिकारी टालमटोल करते रहे। 12 बजे के करीब मौत के बाद संस्थान के कर्मचारी आक्रोशित हो गए। भीम सिंह, मनोज सिंह , केके तिवारी, राज कुमार बाजपेयी सहित सैकड़ों कर्मचारी 12.30 पर प्रशासनिक भवन में बैठ कर विरोध प्रदर्शन करने लगे।

काफी हंगामे के बाद निदेशक कर्मचारियों के पास नीचे आए तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी मुझे नहीं थी। भर्ती करने में जिसकी भी लापरवाही होगी उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि इस समय 250 से अधिक नर्सेज, दो सौ सफाई कर्मचारी और मरीज सहायक, 20 से अधिक संकाय सदस्य, रेजीडेंट डाक्टर और उनके परिवार के लोग, 100 से अधिक अन्य कर्मचारी संक्रमित है। तमाम लोग घर पर ही है लेकिन जिनकी स्थित गंभीर उन्हे भर्ती करने में संस्थान प्रशासन आनाकानी कर रहा है जिसके कारण चार लोगों की मौत हो चुकी है। संस्थान प्रशासन ने जिन्हे कोरोना अस्पताल का जिम्मा सौंपा है वह लोग फोन तक नहीं उठाते है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि यदि उचित व्यवस्था नहीं होती है तो हम कार्य बहिष्कार के लिए मजबूर होंगे।

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