यूपी सीएम सोशल मीडिया सेल के पूर्व कर्मी पार्थ की आत्महत्या प्रकरण में एफआईआर दर्ज

इस मामले में पार्थ ने अपने सुसाइड नोट में जिनका जिक्र किया था, उन सभी को नामजद किया गया है।

Update: 2021-05-22 16:45 GMT

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सेल कर्मी लखनऊ के इंदिरानगर थानाक्षेत्र निवासी पार्थ श्रीवास्तव की आत्महत्या के चार दिन बाद शनिवार को केस दर्ज हो गया है। माना जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के इस प्रकरण पर नाराजगी के बाद केस दर्ज किया गया है। इस मामले में पार्थ ने अपने सुसाइड नोट में जिनका जिक्र किया था, उन सभी को नामजद किया गया है।

लखनऊ के हाई प्रोफाइल सुसाइड केस में पार्थ श्रीवास्तव के परिवार के लोगों की मांग के बाद आज केस दर्ज किया गया है। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने अपने ट्वीट पर इसकी जानकारी भी दी है। इस मामले में पार्थ श्रीवास्तव के साथ काम करने वाले पुष्पेन्द्र सिंह तथा शैलजा के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का केस दर्ज किया गया है। मरने से पहले पार्थ ने इंटरनेट मीडिया पर सुसाइड नोट को पोस्ट किया था।

इस मामले में लखनऊ पुलिस बीते तीन दिन से केस भी नहीं दर्ज कर रही थी। पार्थ की बहनों ने भी मीडिया को ऑफिस में उसको मानसिक रूप से काफी प्रताडि़त करने की जानकारी दी थी। इसके बाद भी लखनऊ पुलिस लीपापोती के प्रयास में लगी थी।

 पार्थ सुसाइड केस में पुलिस ने जिन लोगों के नाम उसने अपने सुसाइड नोट में लिखे थे, उन पर मुकदमा लिख कर विवेचना भी शुरू कर दी है। पार्थ श्रीवास्तव के पिता ने पुष्पेन्द्र सिंह तथा शैलजा के दबाव के कारण ही पार्थ को आत्महत्या पर मजबूर होने का आरोप लगाकर इनके खिलाफ केस दर्ज करने के लिए तहरीर दी थी।

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