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यूपी में यहां सवा लाख अप्रवासी मजदूरों को मिलेगा काम

पिछले साल ही शासन ने स्कूलों के कायाकल्प का काम शुरू कराया था। इसके तहत स्कूलों में फर्श बनाई जा रही। रंगाई पुताई, मरम्मत, बाउंड्री वाल बनाने, शौचालय, बिजली की वायरिंग, रसोई घर रैंप, हाथ धोने की सुविधा, शुद्ध पेयजल की सुविधा सहित तमाम काम कराए जा रहे हैं।

Update: 2021-05-31 15:34 GMT

लखनऊ: प्रदेश के करीब 43 हजार प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में लगभग 1.25 लाख अप्रवासी मजदूरों को काम मिलेगा। इन्हें काम देने के लिए निर्देश जारी किया गया है। इन स्कूलों के कायाकल्प का काम चल रहा है। प्रदेश में डेढ़ लाख से ज्यादा प्राइमरी स्कूल हैं। पिछले साल ही शासन ने स्कूलों के कायाकल्प का काम शुरू कराया था। इसके तहत स्कूलों में फर्श बनाई जा रही। रंगाई पुताई, मरम्मत, बाउंड्री वाल बनाने, शौचालय, बिजली की वायरिंग, रसोई घर रैंप, हाथ धोने की सुविधा, शुद्ध पेयजल की सुविधा सहित तमाम काम कराए जा रहे हैं।

लगभग 43 हजार स्कूलों में अभी काम या तो चल रहा है या फिर शुरू होने वाला है। अब इनमें स्थानीय मजदूरों के साथ साथ अप्रवासी मजदूरों को भी काम दिया जाएगा। इसके साथ तकनीकी रूप से दक्ष मजदूरों को बिजली की वायरिंग, समरसेबल लगाने तथा रंगाई पुताई के काम दिए जाएंगे। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक देश भर में लगभग 1.25 लाख अप्रवासी मजदूरों को स्कूलों में काम देने की तैयारी है। इसके लिए आदेश भी जारी हो चुका है। पिछले वर्ष शासन ने अप्रवासी मजूदरों को उनके गांवों के आसपास ही काम देने का आदेश जारी किया था। जिसके तहत इन्हें काम दिया जा रहा है।

स्कूलों के निर्माण में भी मिलेगा काम : बड़ी संख्या में प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा कक्ष भी स्वीकृत हुए हैं। इनका भी निर्माण शुरू हुआ है। इसके अलावा कुछ नए स्कूल भी मिले हैं। इनमें भी अप्रवासी मजदूरों तथा मिस्त्रियों को काम मिलेगा।

लखनऊ में काम शुरू होगा :

राजधानी लखनऊ के भी सैकड़ों स्कूलों के कायाकल्प का काम अभी नहीं हुआ है। नगर क्षेत्र के स्कूलों के कायाकल्प की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई थी। नगर निगम ने इसका काम शुरू करा दिया है। सरोजिनी नगर क्षेत्र में इलाके के पार्षदों ने स्कूलों के सुधार का काम शुरू कर दिया है। इनमें भी मजदूरों को मौका मिल रहा है।

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