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चित्रकूट ही नहीं प्रदेश भर की जेलें खून के इतिहास से रंगीं

यह कोई पहला मामला नही है जब जेल में मौत का खूनी खेल खेला गया हो। इसके पहले भी प्रदेश भर की कई जेलों में अपराधियों के बीच मौत का गैंगवार हुआ है।

Update: 2021-05-16 10:42 GMT

लखनऊ (आशीष सिंह): जेल में अपराधियों को मौत की नींद सुला देना कोई आज का खेल नही है बल्कि यह सब बहुत पहले से चला आ रहा है। जेलों में बड़े से बड़े अपराधी की धमक और उसकी सेवा में उसके पसंद की चीजें होना यह सब बताता है कि जेलों में सबकुछ ठीक नही है। जेल में रहकर भी ये अपना गैंग चलाते हैं। मनचाहा स्वादिष्ट भोजन, मोबाइल, शराब, बैरक, सिगरेट और न जाने क्या क्या सब इनके पास होता है। सेवानिवृत्त अधिकारी के अनुसार यह सब पूर्वांचल के दो बहुचर्चित विधायकों ने शुरू किया था, जो आज भी जारी है।

बड़ा अपराधी अपने इशारे पर जेल चलाना चाहता है। यदि कोई अधिकारी उसके लिए खतरा बनता है तो उसे डरा-धमका कर शांत रहने की नसीहत दी जाती है। बीते दिनों चित्रकूट जिला जेल में मारे गए शातिर अपराधियों मुकीम काला और मेराजुद्दीन की हत्या के बाद जेलों की सुरक्षा और व्यवस्था पर फिर से सवाल उठे हैं, लेकिन यह कोई पहला मामला नही है जब जेल में मौत का खूनी खेल खेला गया हो। इसके पहले भी प्रदेश भर की कई जेलों में अपराधियों के बीच मौत का गैंगवार हुआ है।

इन जेलों में हुई महत्वपूर्ण हत्याएं-

- 2018 में बागपत जिला जेल में अपराधी सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी को गोलियों से छलनी कर मौत की नींद सुला दिया।

- 2005 में मुन्ना बजरंगी के दो करीबियों अनुराग त्रिपाठी उर्फ अन्नू की वाराणसी जिला जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई।

- 2010 में उरई जिला जेल में हत्या गाजीपुर जिले के जफरपुरा निवासी प्रिंस अहमद की बम से उड़ाकर कर हत्या कर दी गई।

- 2011 में लखनऊ जिला जेल में सीएमओ हत्याकांड के आरोपित वाईएस सचान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत।

- 2012 में मेरठ जिला जेल में तलाशी के दौरान विवाद, फायरिंग में दो बंदियों मेहरादीन और सोमवीर की मौत।

- 2012- जिला जेल कानपुर देहात में विवाद के दौरान बंदी रामशरण सिंह भदौरिया की मौत।

- 2014 में गाजीपुर जिला जेल में जिला प्रशासन और बंदियों के संघर्ष में बंदी विश्वनाथ की मौत।

2016 में सहारनपुर जिला जेल में सुक्खा नाम के कैदी की गला रेतकर हत्या।

- 2018 में बागपत जिला जेल में मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या।

- 13 मार्च 2004 में वाराणसी जिला जेल में पार्षद वंशी यादव की हत्या।

- 14 मई 2021 को चित्रकूट जिला जेल में बंद अपराधी मुकीम काला और मेराजुद्दीन की गोली मारकर हत्या। हत्या करने वाला अंशू दीक्षित पुलिस कार्यवाई में ढेर।

- बागपत जेल में मारे गए मुन्ना बजरंगी ने भी जेल में करवाई थी हत्या।

भले ही लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हो, लेकिन कड़वा सच यही है कि सबसे सुरक्षित माने जाने वाली जेल में सबसे पहले बागपत जिला जेल में मारे गए मुन्ना बजरंगी ने ही हत्या करवाई थी।

- वर्ष 2004 में मुन्ना बजरंगी के शूटरों ने वाराणसी जिला जेल में पार्षद वंशी यादव को गोलियों से छलनी कर दिया था।

- मुन्ना बजरंगी के शूटर अन्नू त्रिपाठी-बाबू यादव ने 13 मार्च 2004 को जिला जेल में बंद पानदरीबा से पार्षद वंशी यादव की गोली मारकर हत्या कर दी।

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