अवैध मतांतरण मामले में बड़ा खुलासा: जलालुद्दीन छांगुर बाबा को नेपाल के जरिए 300 करोड़ की विदेशी फंडिंग…

Update: 2025-07-11 15:02 GMT

लखनऊ। बलरामपुर से गिरफ्तार अवैध मतांतरण गिरोह के सरगना छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन के खिलाफ अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बाबा के नेटवर्क को 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की विदेशी फंडिंग मिली है, जिसे नेपाल के जरिए भारत में भेजा गया है।

एटीएस के सूत्रों के अनुसार, 300 करोड़ की यह रकम खासकर मुस्लिम बहुल देशों से भेजी गई है, जिसे भारत में 100 से अधिक बैंक खातों में जमा किया गया है। इन पैसों का उपयोग देश भर में बड़े पैमाने पर अवैध मतांतरण कराने के लिए किया गया है।

ईडी की रिपोर्ट और यूपी एटीएस की एफआईआर में दावा किया गया है कि ब्राह्मणों के मत परिवर्तन पर 15 लाख रुपये तक, क्षत्रियों और वैश्यों के मतांतरण पर 10 लाख रुपये और अन्य जातियों के लिए 8 लाख रुपये तक का भुगतान किया जाता था। यह फंडिंग एक बेहद संगठित नेटवर्क के तहत चल रही थी, जिसका संचालन बाबा छांगुर के इशारे पर किया जा रहा था।

छापेमारी में 40 पीड़ितों की पहचान : एटीएस ने जब इस नेटवर्क का पर्दाफाश किया तो 40 से अधिक मतांतरित लोगों की पहचान की गई है। छापेमारी के दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, विदेशी लेनदेन के दस्तावेज और आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की गई है। उधर जांच के बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए छांगुर बाबा के बलरामपुर स्थित आलीशान आश्रम को बुलडोजर से गिरा दिया है जिसे वह धर्म प्रचार का केंद्र बना रखा था। बताया जा रहा है कि यहां युवाओं को गुप्त रूप से प्रशिक्षित कर मिशन मतांतरण में शामिल किया जाता था।

अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और हवाला चैनलों की गहन जांच : जांच एजेंसियों का मानना है कि यह नेटवर्क सिर्फ मतांतरण तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका उद्देश्य भारत की सांप्रदायिक एकता और सामाजिक समरसता को तोड़ना था। अब ईडी और एटीएस इस नेटवर्क से जुड़े अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और हवाला चैनलों की गहन जांच कर रही हैं। एक रिपोर्ट में दावा यह भी किया जा रहा है कि बीते तीन सालों में 500 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग हुई है, जिसमें से 200 करोड़ की पुष्टि हो चुकी है। बाकी 300 करोड़ रुपये का लेनदेन नेपाल के जरिये हुई है। 

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