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निजी कोविड अस्पतालों में बेड एवं जांच के ल‍िए दरें न‍िर्धार‍ित

सुपर स्पेशियलिटी इलाज की सुविधा देने वाले निजी अस्पतालों व जांच करने वाली प्राइवेट लैब के लिए दरें निर्धारित की गई हैं। प्राइवेट अस्पताल एवं लैब की ओर से मनमानी फीस वसूलने के आरोप लगने के बाद यह कदम उठाए गए हैं

Update: 2021-04-14 15:29 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना के तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के कारण अब जांच व उपचार की सुविधाओं को बढ़ाने पर काफी जोर दिया जा रहा है।

सुपर स्पेशियलिटी इलाज की सुविधा देने वाले निजी अस्पतालों व जांच करने वाली प्राइवेट लैब के लिए दरें निर्धारित की गई हैं। प्राइवेट अस्पताल एवं लैब की ओर से मनमानी फीस वसूलने के आरोप लगने के बाद यह कदम उठाए गए हैं। उत्‍तर प्रदेश में जिलों को ए, बी व सी श्रेणी में विभाजित किया गया है। प्राइवेट लैब में जाकर अगर कोई व्यक्ति जांच करवाता है तो उससे 700 रुपये लिए जाएंगे।

अगर घर में सैंपल लेने लैब कर्मी आ रहा है तो 900 रुपये लिए जाएंगे। उधर राज्य सरकार के विहित अधिकारी द्वारा निजी अस्पताल में जांच के लिए सैंपल भेजा जा रहा है तो वह अधिकतम 500 रुपये शुल्क ले सकेंगे। वहीं आइसीयू में वेंटिलेटर युक्त बेड पर भर्ती मरीज से एक दिन का अधिकतम 18 हजार रुपये शुल्क ले सकेंगे। ए श्रेणी में जिन जिलों को शामिल किया गया है उनमें लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद शामिल है।

वहीं बी श्रेणी के जिलों में मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, सहारनपुर, मथुरा, रामपुर, मीरजापुर, शाहजहांपुर, अयोध्या, फीरोजाबाद, मुजफ्फरनगर और फर्रुखाबाद शामिल है। बाकी के सभी जिले सी श्रेणी शामिल हैं। ए श्रेणी के जिलाें में इलाज का जो शुल्क लिया जाएगा उसका 80 प्रतिशत बी श्रेणी और 60 प्रतिशत सी श्रेणी के जिलों के अस्पताल ले सकेंगे।

नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फार हास्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर (एनएबीएच) से प्रमाणित अस्पतालों के लिए अलग शुल्क तय किया गया है और जो अस्पताल इससे प्रमाणित नहीं हैं, उनके लिए अलग शुल्क तय किया गया है। पीपीई किट का शुल्क भी बेड के शुल्क में शामिल है।

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