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पहचान पत्र नहीं होने पर भी लगेगा कोरोना का टीका

ऐसे लोगों को कोविन ऐप में पंजीकृत किया जाएगा और उनके टीकाकरण के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन लोगों की पहचान करने की जिम्मेदारी जिला शासन की होगी।

Update: 2021-05-07 17:07 GMT

लखनऊ: स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोई पहचान पत्र न रखने वाले लोगों का टीकाकरण करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक ऐसे लोगों को कोविन ऐप में पंजीकृत किया जाएगा और उनके टीकाकरण के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन लोगों की पहचान करने की जिम्मेदारी जिला शासन की होगी।

मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को वैक्सीनेशन कराने के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर कार्ड या पेंशन पेपर में से किसी एक पहचान पत्र का होना जरूरी है लेकिन अगर किसी के पास यह पहचान पत्र नहीं हैं तो उन्हें वैक्सीनेशन से वंचित नहीं रखा जा सकता।

इसी के मद्देजनर मंत्रालय ने ऐसे लोगों का टीकाकरण कराने के लिए गाइलाइन जारी की है। इस श्रेणी में बुजुर्ग, साधु-संत, जेल में बंद कैदी, मानसिक अस्पतालों में भर्ती मरीज, वृद्धाश्रम के लोग, भिखारी, पुनर्वास केन्द्रों में रह रहे मरीज शामिल होंगे।

ऐसे लोगों को ढूंढने का काम जिले की टास्क फोर्स करेगी। वह अल्पसंख्यक विभाग, सामाजिक न्याय विभाग व समाज कल्याण विभाग के सहयोग से ऐसे लोगों की पहचान कर सकती है। इन लोगों का कोविड ऐप में पंजीकरण कराया जाएगा जिसमें लाभार्थी का नाम, जन्म का साल और लिंग दर्ज कराया जाएगा। मोबाइल नंबर और पहचान पत्र की अनिवार्यता नहीं होगी। इसका सत्यापन फैसिलिटेटर करेंगे जिसके बाद इन लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा।

गाइडलाइन के मुताबिक जिले की टास्क फोर्स जिलास्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगी जो अलग-अलग समूह के लोगों की पहचान के लिए फैसीलिटेटर नियुक्त करेगा। यह फैसीलिटेटर लाभार्थियों की पहचान करेगा। नोडल अधिकारी उपलब्ध डेटा के मुताबिक इन लोगों के लिए विशेष वैक्सीनेशन सत्र का आयोजन कराएंगे।

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