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दूसरे धर्म के लोग ममता को करते थे परेशान, जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने सुनी फरियाद

25 हजार की मिली आर्थिक मदद, पीएम आवास योजना के तहत मिलेगा घर

Update: 2022-04-09 14:14 GMT

लखनऊ। गाजियाबाद के साहिबाबाद में अल्पसंख्यक आबादी के बीच रहने वाली ममता ने सपने में भी यह उम्मीद नहीं की होगी कि रोज-रोज की जिस प्रताड़ना और आर्थिक दुश्वारियों ने उसका जीवन नारकीय बना दिया है, उसका समाधान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दी गयी एक फरियाद (आवेदन) कर देगी। ममता को न्याय मिल गया है।

रीढ़ की समस्या से जूझ रही ममता चारों तरफ से थक हार कर अपनी पीड़ा मुख्यमंत्री के जनता दर्शन को भेजी तो सीएम कार्यालय ने तत्काल संज्ञान लेकर महिला को न केवल तत्काल 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद मुहैया करायी। बल्कि डीएम को निर्देश दिया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर और अंत्योदय कार्ड बनाकर दिया जाए। प्रशासन ने सम्बंधित पुलिस चौकी को 24 घंटे किसी तरह समस्या आने पर महिला की सहायता के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।

माँ के साथ दुर्व्यवहार - 

साहिबाबाद के शहीदनगर में ईदगाह पुलिस चौकी के निकट ममता अपनी बुजुर्ग मां के साथ रहती हैं। मुख्यमंत्री योगी को भेजे प्रार्थना पत्र में उन्होंने अपनी पीड़ा का विस्तार से जिक्र किया है। ममता ने लिखा कि मैं अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाके में मां के साथ रहती हूं। परिवार में कोई और सदस्य नहीं है। रीढ़ की हड्डी का बड़ा आपरेशन होने से मेरे कमर के नीचे का हिस्सा काम नहीं करता। किसी के सहारे ही थोड़ा बहुत चल पाती हूँ। चलने फिरने में असमर्थ होने से मेरी दिनचर्या के सभी काम मेरी माँ को ही करने पड़ते हैं। शारीरिक और आर्थिक दिक्कतों के बीच आये दिन मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। मेरे घर की दीवारें तोड़ दी गयी हैं। जब-जब मस्जिद में कोई निर्माण होता है तो हमारी दीवारों को नुकसान पहुंचता है। मस्जिद के ऊपर से बच्चे ताका झांकी करते हैं। पूजा-पाठ में व्यवधान डाला जाता है।

पल-पल हमारा जीवन खतरे में - 

एक रात तीन बजे सोते समय मेरी माँ के ऊपर ईंट फेंक कर मारा गया। एक दिन ट्यूबलाइट फेंक कर मारा गया। घर के अंदर गंदे सामान, कूड़ा करकट और पत्थर फेंके जाते हैं। घर की नाली रोक कर चारों तरफ से गंदगी बहायी जाती है। झुंड में बच्चे आते हैं और कूड़ा फेंक कर भाग जाते हैं। मोतियाबिंद होने से मां को कुछ दिखायी नहीं देता है। इस वजह से पल-पल हमारा जीवन खतरे में है। जीवन यापन का कोई जरिया नहीं है। लिहाजा अंत्योदय कार्ड बनवा दिया जाये।

जिला प्रशासन से मामले की जांच - 

मुख्यमंत्री कार्यालय ने ममता की फरियाद को तत्काल संज्ञान लेकर गाजियाबाद के जिला प्रशासन से मामले की जांच करायी। जिला प्रशासन की तरफ से 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद का चेक प्रदान किया गया और पीएम आवास योजना के तहत एक मकान और अंत्योदय कार्ड बनाया जाए। साथ ही गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को यह निर्देश दिया गया है कि ममता के मकान के बांयी ओर स्थित आवासीय भवन को मस्जिद में न बदलने का भू स्वामी को आदेश दिया जाए ।

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